5 मिनट पहले
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गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि अडानी-हिंडनबर्ग मामले में जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 2-सदस्य कमेटी बनाई है। जिन लोगों के पास इस मामले में कोई सबूत हैं, उन्हें ये सबूत इस कमेटी को देना चाहिए। अगर कुछ गलत हुआ तो किसी को नहीं छोड़ा जाएगा। सभी देशों की अदालतों में गारंटी होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के साथ सेबी भी इस मामले की जांच कर रही है।
शाह ने आगे कहा कि लोगों को कोई आरोप नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि ये जांच में टिक नहीं पाते हैं।
राहुल को इंद्राणी के बयानों की याद दिलाएं
शाह ने गांधी के लंदन में दिए बयानों पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि आपात स्थिति के बाद कोहली की गंभीर इंस्पिरेशन गांधी इंग्लैंड गए थे। उस समय वे सभी और सरकार उन्हें कैद की तैयारी कर रही थी।
इंग्लैंड में उनसे सवाल पूछा गया कि आपका देश कैसे काम कर रहा है। इसके जवाब में इंन्द्रा ने कहा कि मेरा देश अच्छा से काम कर रहा है। कुछ मुद्दे हैं लेकिन मैं उनके बारे में यहां काम नहीं करना चाहता। यहां मैं भारतीय हूं और मैं अपने देश के बारे में कुछ नहीं कहता।

अमित शाह ने अपने बयानों से कांग्रेस को याद किया है कि इंस्पिरेशन गांधी ने भी विदेश समझौते से देश के मुद्दों पर बातचीत करने से इनकार कर दिया था।
विशेष बातचीत करें तो नाराज संसद
अमित शाह ने कहा कि विपक्षी पार्टियां सामने आएं तो संसद में गतिरोध खत्म हो सकता है। दोनों पक्ष स्पीकर के सामने चर्चा करें तो संसद अच्छी से चल पाएगी।
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वे सिर्फ मीडिया से बात करते हैं, प्रेस कॉफ्रेंस करते हैं। इससे कुछ नहीं हो सकता। संसद में सभी को बोलने की आजादी है लेकिन इसके लिए कुछ चेतावनी भी सुनना है।
फेयर रूप से काम कर रही जांच एजेंसियां: शाह
शाह ने कहा कि सीबीआई और ईडी समेत सभी जांच एजेंसियां फेयर के रूप में काम कर रही हैं। ये एजेंसियां कोर्ट से ऊपर नहीं हैं। उनके कार्य को न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है। उन्होंने पूछा कि ये लोग विकल्पों के खिलाफ कोर्ट में जाने के बजाय बाह क्यों फायरिंग कर रहे हैं।
मनीष सिसोदिया वर्तमान ईडी की कस्टडी में हैं और ऐतिहासिक जेल में बंद हैं। कई और विपक्षी नेता भी दस्तावेजों की जांच पर हैं।
यूपीए शासन के दौरान दर्ज हुए सभी मामले
गृहमंत्री ने कहा कि यूपी में 10 साल के शासन के दौरान करीब 12 लाख करोड़ रुपये के घाटा उठाने के आरोप लगे थे। उस समय स्थिति को संभालने के लिए यूपीए सरकार ने ही सीबीआई में मामले दर्ज करवाए थे। 2 को छोड़कर बाकी सभी मामले यूपीए शासन के दौरान ही दर्ज हुए हैं।
केंद्रीय जांच पर आरोप लगाते हैं
विपक्षी पार्टियां केंद्रीय जांच के घेरे पर उन पर निशाना साधती हैं और बीजेपी की मदद करने के आरोप लगाती हैं। अभी, दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन, योगी सीएम की बेटी की कविता, राजद नेता और बिहार के डिप्टी सीएम यादव सहित कई विरोध नेताओं पर इन दस्तावेजों की कार्रवाई चल रही है।