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- ट्रंप का जोर अगर मांग बढ़ानी है तो अमेरिकी ज्यादा बच्चे पैदा करें
उग्र/मास्कोएक घंटा पहले
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अमेरिका में घटती मांग को लेकर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अजीब तर्क दिया है। उनका कहना है कि मांग घटने की वजह से बढ़ती आबादी है। इस कारण अमेरिकी मूल के लोगों की खपत कम हो गई है।
उन्होंने यह भी तर्क दिया कि अगर मांग बढ़ी है और अमेरिका को फिर से महाशक्ति बना रही है तो अमेरिका के लोगों को ज्यादा बच्चे पैदा करने चाहिए। अभी अमेरिका की आबादी करीब 33.19 करोड़ है। इस शताब्दी की शुरुआत में यह 28.22 करोड़ थी। विकराल करीब 17 सेंट्स।
दूसरी ओर, रूस भी जनसंख्या वृद्धि पर जोर दे रहा है। उसकी आबादी 14.34 करोड़ है और इस सदी की शुरुआत में उसकी आबादी 14.66 करोड़ थी। यानी करीब 2.2% का ही हुआ है। आबादी बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर व्लादिमीर योजना शुरू की है। उन्होंने देश में 2025 तक आधा प्रतिशत जन्म देने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए बड़े टेक्स को छूट से लेकर कई अन्य लाभ दे रहे हैं।
विन्यास ने बताई वजह
विशेषज्ञ की ओर से ज्यादा बच्चे पैदा करने पर जोर देने के पीछे कई कारण हैं। पहली तो यह कि 1946 से 1964 के बीच पैदा हुए (बेबी बूमर्स) अमेरिका के तीन राष्ट्रपति ट्रम्प में शामिल हैं। उनके अलावा दो अन्य बिल क्लिंटन और जॉर्ज डब्ल्यू बुश भी हैं। उस दौर में सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति बराक ओबामा का जन्म हुआ। ट्रम्प के ज्यादा बच्चे चाहते हैं कि सोच उनकी पीढ़ी के कारण ही है।
जब ट्रम्प पैदा हुए थे, तब दूसरा विश्व युद्ध के बाद जनसंख्या बढ़ाने के लिए अधिक बच्चे पैदा करने पर जोर दिया जा रहा था। ट्रम्प की संभावना उसी के इर्द-प्रोच है। मानदंड का कहना है कि 2023 की जन्म दर अगर टिकी रहती है, तो 2041 तक अमेरिका में 18 करोड़ बच्चे जन्म लेंगे।
रूस में महिला-पुरुष अंतर 1 करोड़ बढ़ा
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रूस की आबादी का न बढ़ती त्रासदी जैसी स्थिति निर्मित कर रही है। पिछले तीन वर्षों से रूस में युद्ध, बीमारी और भूस्खलन के कारण 20 लाख से अधिक आबादी कम हो गई है। इसका कारण यह है कि युद्ध के मोर्चों पर पुरुष ठिठक जाते हैं या घायल हो जाते हैं या रूस छोड़ देते हैं।
आज पुरुषों और महिलाओं की संख्या में 1 करोड़ का अंतर हो गया है। वैसे भी युद्ध के नुकसान, बीमारी और उम्रदराज़ आबादी पर बोझ डाल रहे हैं। रूस की व्यस्तता 2010 से 2021 के बीच 54 लाख कम हो गई। देश की जनसंख्या में उनका जुड़ाव 78% से कंपोनेंट 72% बची।
- जनसंख्या में गिरावट वाले अधिकांश देश बड़े सामाजिक नागरिक-पुथल से बचे हुए हैं। रूसी पुरुषों की औसत उम्र 2019 में 68.8 साल थी। यह घटक 2021 में 64.2 वर्ष बचा है। बांग्लादेश से भी छह साल कम।
- वाशिंगटन के अनिच्छुक विद निकोलस एबरस्टेड का तर्क है कि रूस में मृत घोषित देश बहुत अधिक हैं। शिक्षा से जुड़े देश जैसे हैं। उन्होंने पढ़ा-लिखे लोगों का पलायन संकट भरा है। इसका विकास कठिन है।