9 C
London
Friday, March 10, 2023
HomeWorld Newsआज ईयू चीफ से बाइडेन आएंगे: अमेरिका पहुंचें उर्सला वॉन डेर लिन,...

आज ईयू चीफ से बाइडेन आएंगे: अमेरिका पहुंचें उर्सला वॉन डेर लिन, क्लीन टेक्नोलॉजी और यूक्रेन पर अहम बातचीत होगी

Date:

Related stories

स्कूटर सवार ने दो युवकों को मारी टक्कर: एक की मौत; जिस कार से हुआ हादसा, उस पर पुलिस का अलर्ट, दबिश

हिंदी समाचारराष्ट्रीयउत्तराखंड हल्द्वानी दुर्घटना; सफारी ने स्कूटी...


प्रत्यक्ष7 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

लिन और बाइडेन की बैठक संगठन में होगी। (फाइल फोटो)

यूरोपीय संघ (ईयू) के राष्ट्रपति उर्सला वॉन डेर लिन एक अहम दौरे पर अमेरिका पहुंच गए हैं। शुक्रवार को व्हाइट हाउस में उनकी बैठक अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से होगी।

यूरोपीय संघ के प्रमुख और बाइडेन की यह बैठक बेहद अहम् देखने वाली है। दरअसल, इसमें दो मुद्दों पर चर्चा होगी। पहला- स्वच्छ टेक्नोलॉजी पर सब्सिडी। दूसरा- यूक्रेन का मामला और उसे आपूर्ति आपूर्ति। इन दोनों मुद्दों पर अमेरिका और यूक्रेन के कई बयान अलग-अलग हैं। माना जा रहा है कि दोनों नेता एक ठोस स्ट्रैटेजी तैयार कर लेंगे।

स्वच्छ तकनीक का मकसद क्या

  • अमेरिका और ईयू दोनों चाहते हैं कि भविष्य में कॉर्बन मिशन जीरो लेवल तक पहुंचाएं। दूसरे शब्दों में कहें तो ये दोनों बड़ी आर्थिक शक्तियां कार्बन न्यूट्रेलिट हासिल करना चाहते हैं। इसके लिए स्वच्छ तकनीक की जरूरत है।
  • अमेरिका 2050 तक अपने क्लीन टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स पर 369 अरब डॉलर की सब्सिडी दे रहा है। इसे इन्फ्लेशन रिडक्शन एक्ट (IRA) ने कहा है। ईयू इसका विरोध कर रहा है। उसके खाते से यह सब्सिडी दरें बहुत अधिक हैं।
  • इसे समझने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स बनाया गया था। लिन और बाइडेन इसकी रिपोर्ट पर आखिरी फैसला ले सकते हैं।
यूरोपीय संघ (ईयू) के राष्ट्रपति उर्सला वॉन डेर लिन एक अहम दौरे पर अमेरिका पहुंच गए हैं।

यूरोपीय संघ (ईयू) के राष्ट्रपति उर्सला वॉन डेर लिन एक अहम दौरे पर अमेरिका पहुंच गए हैं।

यूक्रेन और चीन भी एजेंडे में
बाइडेन और लिन की रचना यूक्रेन और चीन में भी प्रमुख है। अमेरिका और EU दोनों ही यूक्रेन को पूर्ण समर्थन देना चाहते हैं। दोनों ही रूस के खिलाफ काफी सख्त पाबंदियां लगा रहे हैं। दोनों के लिए सबसे बड़ी फिक्र यह है कि रूस पर इतने पाबंदियों का कोई असर नहीं हुआ। इसका बड़ा सबूत यह है कि रूस के यूक्रेन पर बदस्तुर हमले जारी हैं।

दोनों नेताओं ने इस बात पर विचार किया कि रूस के आरोपित किए गए कदमों में निश्चित कमी रह गई, जिसकी वजह से मास्को को अब तक पीछे जाने पर मजबूर नहीं किया जा सका।

चीन का दूसरा मेल है। माना जा रहा है कि चीन हर तरह से रूस की मदद कर रहा है। इसके अलावा उनकी कंपनियां यूरोपीय देशों और अमेरिका में जासूसी करने के अलग-अलग तरीकों से काम कर रही हैं। चीन इस पर भी सख्त पाबंदियां लगाने पर विचार कर सकता है। अमेरिकन फॉरेन सेक्रेटरी एंटनी ब्लिंकन ने पिछले दिनों साफ किया था कि अगर चीन ने रूस को हथियार दिया तो उसे कोई परिणाम नहीं मिलेगा।

खबरें और भी हैं…



Source link

Subscribe

- Never miss a story with notifications

- Gain full access to our premium content

- Browse free from up to 5 devices at once

Latest stories

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here