जकार्ता31 मिनट पहले
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मेरापी पर्वत का ज्वाला 1930 से इंडोनेशिया का सबसे सक्रिय ज्वाला है।
इंडोनेशिया में शनिवार को मेरापी पर्वत में आग लगी। इससे करीब 2 हजार फीट तक राख और रेत का गुबार उठा जो 3 किलोमीटर दूर तक फैल गया। स्थानीय बॉयोलाली रेजिडेंट्स यूलीयांतो ने बताया, कि पहले पांच मिनट तक बादलों की गड़गड़ाहट जैसा महसूस हुआ। इसके बाद आकाश में राख के बादल छाए।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, अधिकारियों की ओर से ज्वाला विस्फोट का कोई अलर्ट नहीं दिया गया था। बाद में इंडोनेशिया की ज्वाला एजेंसी ने चेतावनी जारी की और विस्फोट स्थल से 3 किलोमीटर के क्षेत्र को प्रतिबंधित कर दिया। अधिकारियों के मुताबिक, गर्म लावाड़े लदान किलोमीटर तक की खबर है।

विस्फोट के बाद आग से धुआं धुआं।
पहले कब-कब फटा मेरापी पर्वत
इससे पहले 2010 में मेरापी पर्वत में विस्फोट हुआ था। तब 300 लोगों की मौत हो गई थी और 2 लाख 80 हजार लोगों को घर छोड़ना पड़ा था। मेरापी पर्वत का ज्वाला 1930 से इंडोनेशिया का सबसे सक्रिय ज्वाला है। इससे 1300 लोगों की मौत हुई है। मेरापी पहाड़ में 1964 में भी विस्फोट हुआ था, जिसमें 60 लोगों की जान चली गई थी। दक्षिण एशियाई देशों में कुल 1700 द्वीप हैं। इनमें से 130 के आसपास सक्रिय ज्वाला हैं। भौगोलिक भिन्नता के अनुसार, प्रशांत महासागर के निकट प्लेट टिकटिक स्थिति के कारण ज्वाला और भूकंप की एक पट्टी है। इसे ए रिंग्स ऑफ फायर कहते हैं।

2010 में यहां हुए भयानक विस्फोट में 1300 लोगों की मौत हो गई थी।
इंडोनेशिया में 121 सक्रिय ज्वालाएं हैं
माउंट सेमेरू ज्वाला इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता से 800 किलोमीटर दूर दक्षिणपूर्व स्थित जावा में है। इसके अलावा जावा में भी कई सक्रिय ज्वालाएं हैं। इनमें से सेमेरू पर्वत सबसे खतरनाक है। वहीं, पूरे इंडोनेशिया में 121 सक्रिय ज्वालाएं मौजूद हैं।
पिछले साल भी माउंट सेमेरू में आग लगी थी। इसके लावा और गर्म गैसों के चपेट में आने से 51 लोगों की मौत हो गई थी।