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कब है शीतला अष्टमी या बसोड़ा, घर की रसीदें और बीमारियों से मुक्ति के लिए इस दिन करें ये उपाय

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शीतला अष्टमी 2023 बसौड़ा पूजा विधि, महत्व, मुहूर्त और उपाय: पंचाग के अनुसार हर माह दो बार (शुक्लपक्ष और कृष्णपक्ष) अष्टमी तिथि लागू होती है। लेकिन चैत्र माह के कृष्णपक्ष में एष्टमी तिथि का विशेष महत्व होता है। इसे शीतला अष्टमी या बसोड़ा के नाम से जाना जाता है। इस दिन माता शीतला की पूजा का विधान है। इस बार 15 मार्च 2023 को शीतला अष्टमी आ रही है।

शीतलाष्टमी का पर्व होली के एक सप्ताह बाद यानी आठवां दिन मनाया जाता है। इस पर्व की विशेषता यह है कि इस दिन माता को बासी व्रतों का भोग लगाया जाता है। वि मां को भोग लगाने के लिए व्रतों को सप्तमी तिथि को ही तैयार कर लिया जाता है। घर पर भी इस दिन सभी लोग समान भोजन ही करते हैं। शीतला अष्टमी पर ताजा या गर्म भोजन करना वर्जित माना जाता है। इन आशंकाओं के पालन करने से माता शीतला का आशीर्वाद प्राप्त होता है और बीमारियों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं शीतला अष्टमी की तिथि, मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि और उपाय।

शीतला अष्टमी महत्व (शीतला अष्टमी 2023 महत्व)

माता शीतला को स्वछता और अरोग्य की देवा कहा जाता है। मान्यता है कि शीतला अष्टमी या बसोड़ा के दिन माता शीतला की विधि-विधान से पूजा और व्रत करने से घर पर रोग-दोष, बीमारी, महामारी का खतरा नहीं रहता। साथ ही घर पर सुख-शांति भी बनी रहती है। पौराणिक कथा के अनुसार माता शीतला को चेचक रोग से मुक्ति की देवी भी माना जाता है। वहीं बसी व्यंजनों का भोग लगाने के कारण इस दिन बसोड़ा कहा जाता है।

शीतला अष्टमी तिथि व मुहूर्त (शीतला अष्टमी 2023 मुहूर्त)

  • चैत्र माह कृष्णपक्ष अष्टमी तिथि प्रारंभ: 14 मार्च 2023, रात 08:22
  • चैत्र माह कृष्णपक्ष अष्टमी तिथि समाप्त: 15 मार्च 2023, शाम 06:45
  • बसोड़ा पर माता शीतला की पूजा के लिए 15 मार्च सुबह 06:30 से शाम 06:29 का समय शुभ रहेगा।

शीतला अष्टमी 2023 पूजा विधि (शीतला अष्टमी 2023 पूजा विधि)

शीतला दोपहर के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि कर साफ कपड़े पहनें। इसके बाद पूजाघर में दीपक जलाएं. हाथ में फूल, अक्षर, जल और दक्षिणा लेकर व्रत का संकल्प लें। माता शीतला की पूजा के लिए एक चौकी तैयार करें और इसमें माता की मूर्ति स्थापित करें। माता को रोली, लाल फूल, अक्षर, अर्पित कर धूप-दीप प्रज्वलित करें। सप्तमी तिथि में तैयार किया हुआ दही, रबड़ी, चावल से बने व्यंजन का भोग माता शीतला को माना जाता है। पूजा में शीतला स्त्रोत का पाठ अवश्य पढ़ें और फिर अंतिम रूप से देखें।

शीतला अष्टमी 2023 उपाय (शीतला अष्टमी 2023 उपाय)

  • शीतला अष्टमी के दिन पूजा में माता को जल अर्पित करते समय कलश में थोड़ा जल बचा लें और माता शीतला का ध्यान रखते हुए इस जल को पूरे घर के कोने और सभी जगहों पर छिड़कें। इससे घर में सुख शांति आती है।
  • मनोकामना दर्शन के लिए शीतला अष्टमी पर पूजा में माता को कुमकुम, अक्षरत और लाल रंग के फूल जरूर चढ़ाएं। इससे आप सभी मनोकामना पूरी तरह से बीमार हो जाएंगे और बीमारियां घर से दूर रहेंगी।
  • घर पर सुख शांति बनी रहे इसके लिए शीतला माता की पूजा में ‘वन्देऽहं शीतलां देवीं रासभस्थां दिगम्बरराम्‌,मार्जनीकलशोपेत…” मंत्र का जाप करें।

#: शीतला अष्टमी 2023: शीतला अष्टमी कब है? जानें शुभ मुहूर्त, इस दिन देवी शीतला को क्यों उम्मीदवार बसी भोग हैं

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