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- श्रद्धा के श्रृंगार राम मंदिर में हवा महल से लगेगी खिड़कियां, राजस्थानी शैली के मेहराब भी बनेंगे
अयोध्या/लखनऊ5 पहलेलेखक: विजय उपाध्याय
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राममंदिर शृंगारिक परिवर्तन और स्थिति कैसा है?
अयोध्या में श्रीराम जन्मस्थान मंदिर को बनाने के लिए परकोटे, पवित्राओं को पवित्रा बनाने में सक्षम हैं। इसके तहत मंदिर की खिड़कियों और झरोखों को नया कलेवर दिया जाएगा। मंदिर के शैली के महलों की विरासत। परकोटे की डिजाइन भी अच्छी होगी। परकोटे में पूरी ऊंचाई तक। एक योग में श्रीगणेश विराजेंगे।
उलट, पीछे की ओर से रसोई में होगा, जहां श्रीरामला का विश्राम होगा। श्रीराम जन्मस्थान तय करने का लक्ष्य 2023 तक विकसित होता है। मंदिर के ब्लॉग में सोमपुरा ने डॉ. तीन 2000 से अधिक उम्र बढ़ने वाले हैं।
वर्कशॉप के वर्कशॉप में ही वर्कशॉप के वर्कशॉप में काम करते हैं। तराशने का काम खराब कर रहे हैं। कम का उपयोग 10 प्रतिशत से कम है। परिवर्तन नेम, मंदिर के आकार या डिजाइन में परिवर्तन है।
30 दिसंबर को विश्वास की स्थापना की बैठक की समीक्षा के साथ शृंगारिक परिवर्तन पर बैठक। संपत्ति का अवलोकन थाने। डॉक्टर अनिल मिश्रा ने, हमारा लक्ष्य 2023 तक रामलला के लक्षण शुरू हो जाएंगे।
कुछ ऐसे कीट… प्लिंथ का काम 15 से
ढीद की कुछ मॉडीफिकेशन के हवामहल के झरोखों की गुणवत्ता। विश्वास के सदस्य डॉ. मिश्रा ने गर्भ में, 15 एंथ से दूसरी बार काम शुरू किया। मौसम खराब होने के बीच में ही खराब हो जाता है। इसके ऊपर मकराना मार्बल की फर्श पर गुलाबी पत्थरों से मंदिर बनेगा।