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- गुजरात उच्च न्यायालय; बॉयफ्रेंड ने अपनी गर्लफ्रेंड के साथ लिव इन रिलेशनशिप का समझौता किया
मनपा8 मिनट पहले
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गुजरात हाई कोर्ट में एक शख्स ने अपनी शादीशुदा गर्लफ्रेंड की कस्टडी की अपील की। इस पर हाई कोर्ट ने शख्स पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया। युवक यह कस्टडी लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर एग्रीमेंट के आधार पर मांग कर रहा था। मामला बनासकाठा जिले का है।
शख्स-शादी के बाद से ही मेरे साथ रह रहा था
दरअसल प्रेमी ने हाई कोर्ट मे मांग की थी कि गर्लफ्रेंड को उसके पति से मिलने के बाद उसे कस्टडी रिजेक्ट कर दिया जाए। उसने याचिका में कहा कि वह महिला के साथ संबंध में है। महिला की मर्जी के खिलाफ उसकी शादी किसी और व्यक्ति से कर दी गई थी, लेकिन उससे नाखुश नहीं थी। शादी के बाद वह पति के साथ नहीं रह रही थी और मेरे साथ लिव-इन में रह रही थी। इसके कुछ ही समय बाद ही महिला के परिवार और सुसुराल वाले उसे अपने साथ जबरदस्ती ले गए और वापस पति के पास छोड़ दिया।
महिला को उसकी मर्जी के बिना ससुराल में रखा गया है, जहां उसके पति ने उसे अवैध तरीके से बांध दिया है। शख्स ने यह भी दावा किया है कि लिव-इन एग्रीमेंट में महिला भी साइन है। इस दौरान हाई कोर्ट की डबल बेंच ने इस मामले में सुनवाई की और इस तरह की रिकॉर्डिंग सुनने के बाद 5000 रुपए का जुर्माना देने का फैसला सुनाया।
राज्य सरकार ने याचिका पर विचार करने से इनकार किया
राज्य सरकार ने भी याचिका का विरोध किया है। यह तर्क देते हुए कि इस तरह की याचिका दायर करने के लिए व्यक्ति के पास कोई अधिकार नहीं है। यदि महिला अपने पति के पास है तो यह नहीं कहा जा सकता कि वह अवैध तरीके से उसके पास है।
वहीं मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस वी एम पंचोली और जस्टिस एम प्रच्छक की बेंच ने कहा कि महिला की शादी याचिकाकर्ता के साथ नहीं हुई है और न ही अपने पति से अब तक उसका तलाक हुआ है। साथ ही कहा कि लिव-इन एग्रीमेंट के आधार पर याचिकाकर्ता के पास अपील करने का कोई अधिकार नहीं है।