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Wednesday, March 15, 2023
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चैत्र रवि प्रदोष व्रत कब? जानें तारीख, मुहूर्त और महत्व

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चैत्र प्रदोष व्रत 2023: प्रदोष व्रत दोष, रोग, दुःख दूर करने वाला माना जाता है। हर माह दो प्रदोष व्रत हैं जो शिव शंकर को समर्पित होते हैं। प्रदोष व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। प्रदोष व्रत के संबंध में मान्यता है कि जब चंद्र देव को कुष्ठ रोग हुआ था, तब वे भगवान शिव की गणेश की थी और शिव जी की कृपा से ही उनका दोष दूर हो गया था। इस व्रत के प्रभाव से सुहागिनों को अखंड स्वरवती का वरदान, संतोष संबंधी परेशानी दूर होती है। धन-सुख में वृद्धि होती है। अभी चैत्र माह चल रहा है। आइए जानें चैत्र माह का पहला प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा, शिव पूजा का मुहूर्त और विधि।

चैत्र प्रदोष व्रत 2023 तिथि (चैत्र प्रदोष व्रत 2023 तिथि)

चैत्र माह का पहला प्रदोष व्रत 19 मार्च 2023, रविवार को रखा जाएगा। कहते हैं कि प्रदोष व्रत में शाम के समय शिवलिंग का दूध, दही, घृत, शहद, गंगाजल से अभिषेक करने वाले की विशेष मनोकामना पूरी होती है। शिव स्वयं उनके मार्ग में हर मार्ग हैं।

चैत्र रवि प्रदोष व्रत 2023 मुहूर्त (चैत्र प्रदोष व्रत 2023 मुहूर्त)

पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 19 मार्च 2023 को सुबह 08 बजकर 07 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 20 मार्च 2023 को सुबह 04 बजकर 55 मिनट पर इसका समापन होगा। इस दिन प्रदोष काल की सूर्य से होती 45 मिनट पहले विज्ञापन सूर्यरात के बाद 45 मिनट तक शिव उत्तम पूजा फल देने योग्य है।

शिव पूजा का समय – शाम 06 बजकर 31 – रात 08 बजकर 54 (19 मार्च 2023)

पूजा की अवधि – 2 घंटे 23 मिनट

चैत्र प्रदोष व्रत के उपाय (चैत्र प्रदोष व्रत उपाय)

  • कर्ज में परेशानी और धनप्राप्ति की राह नजर नहीं आ रही तो चैत्र प्रदोष व्रत वाले दिन किसी भी शिवालय में जाकर ‘ॐ नमो धनदाय स्वाहा’ तथा ‘ॐ नम: शिवाय:’ मंत्र का रुद्राक्ष माला से कम से कम 11 माला जप करें . मान्यता है ये उपाय धन आगमन के तरीके और ऋण जल्द ही प्राप्त हो जाते हैं।
  • पति-पत्नी के संबंध खराब चल रहे हैं, विचार में सामंजस नहीं बन पा रहा है तो शिवलिंग पर एक मुठठी मिश्री अर्पित करें, तत्पश्चात गंगाजल चढ़ाएं। अब शिव चालीसा का पाठ करें। कहते हैं इससे अनुरूपता का तनाव खत्म हो जाएगा।

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