मुंबई/बर्लिन14 मिनट पहले
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सितंबर 2021 में अरिहा के पेरेंट्स से चोट लगने के बाद उसकी कस्टडी ले ली गई थी।
जर्मनी में अपनी बेटी की कस्टडी की लड़ाई लड़ रहे भारतीय दंपती 9 मार्च को मुंबई पहुंचे। यहां वे अधिकारी आपस में कस्टडी के मामलों में तेजी की बात करेंगे। गुजरात मूल के इस भारतीय दंपती से लदान साल पहले उनकी बेटी अरिहा की कस्टडी ले ली गई थी। जर्मनी के नौ बच्चों में से उन पर यौन शोषण का शक था।
मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मां ने बताया- सितंबर 2021 में अरिहा को खेलते हुए प्राइवेट पार्ट पर चोट लग गई थी। तब वो सिर्फ 7 महीने की थी। हम उसे लेकर अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर ने बताया कि बच्ची बिल्कुल ठीक है। इसके बाद जब हम फॉलो-अप करने के लिए गए तो डॉक्टर ने नौ से नौ को बुलाकर लड़कियों को भेजा। हम पर उसके साथ यौन शोषण करने का शक किया गया।

इस तस्वीर में अरिहा अपनी मां की गोद में खेलती नजर आ रही है।
फरवरी 2022 में बंद हो चुका है यौन शोषण का मामला
अरिहा की मां ने कहा- मामले दर्ज होने के बाद मैंने अपना डीएनए प्रविष्टियां भी दी हैं। पुलिस की जांच और मेडिकल रिपोर्ट में ये साबित हुआ कि हमने उसका यौन शोषण नहीं किया है। इसके बाद फरवरी 2022 में ये मामले बंद भी हो गए लेकिन फिर भी हमें बेटी की कस्टडी नहीं मिली। उसके पिता ने कहा कि यौन शोषण का मामला खत्म होने के बाद जर्मन हर हफ्ते ने हमें कस्टडी मिलने के खिलाफ केस लगा दिया। इस पर कोर्ट ने हमें एक पेरेंट-एबिलिटी रिपोर्ट बनवाने को कहा।
मुंबई में अरिहा के माता-पिता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मदद की गुहार लगाई।
कस्टडी को लेकर लड़की खुद फैसला करेगी
अरिहा के पेरेंट्स ने एक साल बाद 150 पेज की रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी। माता-पिता से 12 घंटे की बातचीत के बाद तैयार की गई इस रिपोर्ट में साइको एक्टिविस्ट ने कहा- बच्चे और माता-पिता के बीच संबंध मजबूत होते हैं, लेकिन उन्हें बच्ची का पालन नहीं होता है। इसके लिए इन्हें अरिहा के साथ एक फैमिली हाउस में रखा जाना चाहिए। जब वो 3-6 साल की हो जाएगी तब मालिक उसे आपके माता-पिता के साथ रहने या कमजोर करने के लिए नियुक्त करेगा।

अरिहा को भारत वापस आने के लिए भारत में प्रदर्शन भी हो गए हैं।
महीने में सिर्फ 2 बार बच्चियां मिलती हैं पेरेंट्स
अरिहा की मां ने बताया कि उन्हें महीने में एक बार ही अपनी बेटी से मिलने दिया गया था, इसे लेकर वो कोर्ट में भी गई थीं। सितंबर 2022 में उन्हें अरिहा से महीने में 2 बार मिलने की अनुमति मिली, लेकिन बच्चों के लॉग इन का पालन नहीं करते थे। दिसंबर 2022 में भारत सरकार के दखल के बाद उन्होंने ऑर्डर का पालन करना शुरू किया।
पीएम मोदी-जयशंकर से मदद की गुहार
अरिहा के माता-पिता ने प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मदद की गुहार लगाई है। उसकी मां ने कहा- हम अपनी बच्ची को भारत वापस लाना चाहते हैं। वो अपने ऋतिक-रिवाजों से दूर हो रही है। हमने उसे भारत ले जाने की भी मांग की थी लेकिन कोर्ट ने कहा कि अरिहा को कोई भी भारतीय भाषा नहीं आती है जिससे उसे परेशानी हो सकती है। हमने उसे भाषा सिखाने की भी बात कही लेकिन हमारी बात नहीं सुनी।

जर्मनी के विदेश मंत्री की भारत यात्रा के दौरान एस जयशंकर ने अरिहा को लेकर भी बातचीत की थी। उन्होंने कहा था कि उन्हें जर्मनी में भारतीय माहौल देने की कोशिश करनी चाहिए।
जर्मन विदेश मंत्री बोलीं- महिला की प्राथमिकता
बच्ची के माता-पिता करीब 1 साल से भारत के विदेश मंत्रालय से बात कर रहे हैं। उन्होंने मामले में हस्तक्षेप करने की बात भी कही थी। जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने दिसंबर 2022 में कहा था कि वे इस मुद्दे को ग्रेब्रिटी से वाकिफ हैं। जर्मनी की विदेश मंत्री अन्नालेना बेयरबॉक ने कहा था कि बच्चे की प्राथमिक प्राथमिकता है। एजेंसी बच्चे को ही अपनी हिरासत में ले लेती है, जब बच्चा अपने घर में सुरक्षित नहीं होता। अभी के मामले में न्यायालय में खुलासा है। फैसले के बाद ही इस पर कुछ कहा जा सकता है।
अरिहा के पिता वीजा पर बर्लिन गए थे और एक सॉफ्टवेयर कंपनी के लिए काम कर रहे थे। सितंबर 2021 में मामला दर्ज होने के बाद उनकी नौकरी निकल गई। दंपती के मुताबिक अब तक उन पर 30-40 लाख रुपये का कर्ज भी चढ़ गया है।