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Monday, March 13, 2023
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डब्ल्यूएफआई-अध्यक्ष रेसलर विवाद: ओवरसाइट कमेटी आज खेल मंत्रालय को देगी जांच रिपोर्ट; सबूत नहीं, फिर भी प्लेयर्स को हक में जजमेंट की उम्मीद है

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पानीपत15 मिनट पहले

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भारतीय कुश्ती संघ (WFI) और पहलवानों के बीच विवाद में आखिरकार ओवरसाइट कमेटी की जांच पूरी हो गई। 1 महीने से भी कम वक्त में जांच कर रिपोर्ट देने की अनियमित करने वाली जांच करने वालों का कोई निष्कर्ष तक पहुंचने में 56 दिन लग गए। आज जांच एजेंसी अपनी रिपोर्ट खेल मंत्रालय को सबमिट करेगी।

जबकि विवाद की जांच के लिए बनी ओवरसाइट कमेटी की टाइमलाइन 8 मार्च को पूरी तरह जाम हो गई है। स्पोर्ट्स स्टेटमेंट ऑफ इंडिया (SAI) से जुड़े सूत्रों के अनुसार समिति आज किसी भी समय रिपोर्ट खेल मंत्रालय को सौंप सकती है।

सूत्रों के मुताबिक डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष पर सेक्शुअल हैरेसमेंट के गंभीर आरोप लगाने वाले रेसलर कमेटी को इसके सबूत नहीं मिले हैं। भास्कर ने इस मुद्दे पर रेसलर, जांच कमेटी मेंबर और खेल मंत्रालय के अधिकारियों से लगातार फॉलोअप लेने की कोशिश की, मगर कोई भी फ्रैंक कुछ नहीं कह रहे।

पहले पढ़ें पूरा मामला क्या है…
जंतर-मंतर पर पहलवानों का प्रदर्शन और बड़े आरोप
18 जनवरी को रेसलर्स विनेश फोगाट, साक्षी मलिक व बजरंग पूनिया ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना शुरू कर दिया। इस दौरान विनेश फोगाट ने रोते हुए आरोप लगाए कि फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कोच नेशनल कैंप में महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करते हैं। विनेश ने यह भी कहा कि बृजभूषण प्लेयर्स के होटल में रुके हुए थे, जो शिकायत के खिलाफ है। टोक्यो ओलिंपिक में हार के बाद WFI के अध्यक्ष ने मुझे सिक्क कहा।

सांसद की सफाई, आरोप सही हुए तो लटकते लटके हुए
इसी दिन संघ अध्यक्ष बृजभूषण सामने आए। उन्होंने कहा- किसी भी तरह का एक्साइटमेंट नहीं हुआ है। अगर हुआ है तो मैं लटकता हुआ लटकता हुआ हूँ। उन्होंने हरियाणा कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र हुड्डा को इसके पीछे जवाब देते हुए धरने को कहा था। उन्होंने कहा था कि अब ये खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर भी खेलने योग्य नहीं हैं।

केंद्रीय खेल मंत्री से बातचीत, फिर धरना
19 जनवरी को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से पहलवानों के करीब पौने चार घंटे बातचीत हुई। उन्हें कुश्ती संघ के अध्यक्ष ने जवाब का इंतजार करते हुए कहा। पहलवानों ने WFI अध्यक्ष को हटाने को कहा। 20 जनवरी को खिलाड़ियों ने खेल मंत्री से बातचीत के बाद फिर से जंतर-मंतर पर धरना शुरू किया। यहां से आंदोलनकारी नेताओं ने ऐलान किया कि वे अब न्याय मिलने तक कोई कैंप ज्वाइन नहीं करेंगे। न ही वे किसी प्रतियोगिता में भाग लेंगे। अब वे खेल और खिलाड़ियों के हक की लड़ाई लड़ेंगे।

2 जांच रणनीतियां बनीं
21 जनवरी को बढ़ते आंदोलन को देखते हुए भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने जांच समिति बनाई। किसकी अध्यक्ष पीटी ऊषा ने समिति की अध्यक्ष मैरीकॉम को बनाया। 7 सदस्यों की समिति की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। इस समिति में बॉक्सर मैरीकॉम, एरोअन्दाज डोला बनर्जी, वांछित खिलाड़ी अलकनंदा अशोक, फ्री स्टाइल रेसलिंगबाज योगेश्वर दत्त, भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के अध्यक्ष सहदेव यादव और 2 वकील शामिल हैं। बाद में पहलवानों की मांग में बीजेपी नेता बबीता फोगाट को भी जोड़ा गया।
इसी दिन अनुराग ठाकुर के पहलवानों से देर रात 7 घंटे तक खेल मंत्रालय ने एक ओवरसाइट कमेटी बनाने का फैसला लिया। इसका अध्यक्ष एमसी मैरीकॉम भी बनाया गया है। इसके सदस्यों में ओलिंपिक मेडल विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त, द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित तृप्ति मुरगुंडे, टॉप्स के सीईओ राजगोपालन और राधा श्रीमन शामिल थे। बाद में इसमें बबीता फोगाट को भी शामिल किया गया।
अब पढ़िए आरोप लगाने वाले पहलवानों और उनके परिवार से भास्कर की बातचीत…

सोनम मलिक के पिता बोले- सच-झूठ का पता नहीं, सीनियर्स के मैसेज पर धरने में गए
पहलवानों के साथ कंधे में कंधे मिलाकर कंधा मिलाकर हरियाणा के सोनीपत जिले के गांव मदीना के पहलवान सोनम मलिक के पिता राजेंद्र ऊ राज ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में आखिरकार क्या बात है, सच और झूठ क्या है। उन्हें कुछ भी पता नहीं है। उन्हें नहीं पता कि आखिर किस खिलाड़ी के साथ किस तरह गलत हुआ है। उन्होंने कहा कि वे इतना निश्चित रूप से विश्वास के साथ कह सकते हैं कि उनकी बेटी सोनम के साथ किसी भी तरह का गलत नहीं हुआ है।

समिति के सदस्य योगेश्वर दत्त ने कहा-सख्त हिदायत है, कुछ नहीं बोलूंगा
जांच कमेटी में हरियाणा से इकलौते सदस्य योगेश्वर दत्त ने कहा कि अभी इस मामले में दो बार बयान दर्ज हुए हैं। जिनमें से एक आईओए कमेटी के अलग-अलग कंजेसर सेंट्रल स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री द्वारा एजेंसी टीम के सामने आए हैं। अभी के सभी खिलाड़ियों से सबूत जा रहे हैं। खिलाड़ियों से पूछताछ का कोटा पूरा होने के बाद जांच में डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को भी शामिल किया जाएगा। दोनों तरफ से पक्ष और सबूत लेने के बाद टीम रिपोर्ट टीम के अध्यक्ष को सुझाव देगी।

अब पढ़िए इस पूरे एफर्ट का निष्कर्ष…
आरोप लगाने वाले बात करने से किनारा कर रहे हैं। परिवार के बारे में भी कुछ नहीं पता। वे सभी बातें खिलाड़ियों पर डाल रहे हैं। साफ है कि यह पूरा मामला अब झूठ के रूप में सामने आ रहा है, बड़ी-बड़ी कुछ कार्रवाई की तरफ नजर नहीं आ रही है। खिलाड़ियों ने आरोप के आरोप तो जरूर माने, लेकिन सबूत नहीं मिले। ऐसे में लगता है कि जांच कमेटी किसी बीच का रास्ता निकालने में जुटी है ताकि खिलाड़ियों का भी सम्मान बना रहे और कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर भी कार्रवाई की नौबत नहीं आए। हालांकि अंतिम परिणाम जांच समिति की रिपोर्ट पर ही आएगी।

पहलवानों के भी हादसे का सामना कर रहे हैं…
जांच कमेटी की रिपोर्ट में देरी पर आरोप लगाने वाले पहलवानों के सुर भी सभी नजर आ रहे हैं। पहले आक्रामक तरीके से रेसलिंग प्रेसिडेंट को घिनौना कर रेसलर विनेश फोगाट बेबसी जाहिर कर रही हैं। विनेश ने कहा- ये मुश्किल समय है क्योंकि हम प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे हैं। जब तक हम ये लड़ाई नहीं जीतेंगे, तब तक हम इंतजार करेंगे। पहले हम ये जीतना मेडल चाहते हैं, उसके बाद हम किसी बड़े मैच में खेलेंगे।

साक्षी मलिक ने कहा- कमेटी ने 10 दिन का समय दिया है। उम्मीद है कि जल्द से जल्द फैसला आया और हमारे हक में आया, क्योंकि हमने बहुत हिम्मत करके ये कदम उठाया है। हम वही हिम्मत जुटाते हैं कि अब जो लड़कियां पहलवानों में आ रही हैं, उन्हें ये सब न मजबूत करना पड़ेगा।

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