बुद्ध अमृतवाणी गौतम बुद्ध विचार: भगवान गौतम बुद्ध की सीख आज भी लोगों के बीच प्रासंगिक है। यही कारण है कि गौतम बुद्ध की कहानी, उपदेश और शिक्षा से व्यक्ति को सफल और सुखद जीवन की सीख मिलती है। बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध ने हमेशा ही लोगों को सत्य, अहिंसा और करुणा का उपदेश दिया। यही कारण है कि केवल भारत ही नहीं बल्कि अन्य कई देशों में भी बुद्ध को वरीयता प्राप्त हैं।
हर व्यक्ति के जीवन की परेशानी का अहम कारण है ‘दुख’। लेकिन यह ऐसी चीज है, जो हर किसी के जीवन में जरूर होती है। क्योंकि सुख-दुख जीवन में लगा रहता है। ना ही सदैव सुख का समय स्थिर रहता है और ना ही दुख का। लेकिन जीवन में दुख का बुरा होना किसे पसंद होता है। गौतम बुद्ध कहते हैं कि दुख तब होता है जब आप उस पर अपना अधिकार जताते हैं। लेकिन दुख को जानने के बाद ही सुख की कमीशन होती है। दुख से मुक्ति पाने के लिए गौतम बुद्ध 3 उपाय के बारे में कथन हैं जोकि इस प्रकार से है-
- दुखद क्या है: गौतम बुद्ध कहते हैं कि दुख से दूर रहना सबसे पहले यह बेहद जरूरी है कि दुख क्या है। संसार में कोई भी ऐसा प्राणी नहीं है, जिसके जीवन में दुख न हो। दुखद एक सामान्य स्थिति है। इसलिए दुख को खुद पर कभी हावी नहीं होना चाहिए। दुख तभी आप दूर रहेंगे जब आप खुद को खुश रखने की कोशिश करेंगे।
- दुख का कारण क्या है: बुद्ध कहते हैं दुख का अहम कारण किसी को प्राप्त करने की तीव्र इच्छा से है। इसलिए ऐसे व्यक्ति के जीवन में दुख नहीं है जिसे किसी चीज के लिए तृष्णा नहीं है। इसलिए किसी चीज को लेकर ज्यादा उम्मीद नहीं रखनी चाहिए।
- दुख दूर करने के उपाय: दुखद तो सभी के जीवन में है। गौतम बुद्ध कहते हैं कि किसी व्यक्ति को यह विकल्प होगा कि दुख हमेशा के लिए नहीं रहता। इसे दूर करने का उपाय भी है। दुख के निवारण को लेकर बुद्ध कहते हैं कि दुख को दूर रखने के लिए किसी व्यक्ति को हमेशा अष्टांगिक मार्ग को जनाना चाहिए और सदमार्ग पर चलना चाहिए। इससे उसे कभी दुख नहीं होगा।
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