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Saturday, March 11, 2023
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नासा-इसरो का सैटेलाइट अपडेट अगले साल: निसार से छेड़छाड़ की सूचना मिल, सीमा पर चौकसी में मदद

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  • नासा इसरो उपग्रह भास्कर; निसार से पहले मिलेगी आपदा की जानकारी, सीमा की रखवाली में मिलेगी मदद

4 मिनट पहले

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इसरो और नासा के संयुक्त सहयोग से विकसित पृथ्वी अवलोकन उपग्रह निसार (निसार) भारत आ चुका है। इसे अगले साल क्षेत्रों से जारी किया जाएगा। जानिए इससे क्या फायदा होगा…

कैसासैट है निसार
यह सैटेलाइट उपग्रह के आकार का है, जिसे दक्षिणी कैलिफोर्निया में नासा के जेट रेकॉर्ड लेबोरेटरी (जेपीएल) में विकसित किया गया है। इसरो की ओर से बताया गया है कि यह हमारी व्यापक संभावनाओं का एक उदाहरण है। 2,800 किलोग्राम के इस उपग्रह में 39 काम का फिक्स फिक्सेटर है, जो सोने की परत वाले तार की जाली से बना है। यह विशेष रूप से छोटे से छोटे बदलाव को पकड़ने की क्षमता है।

कितनी दूरी के चित्र?
उपग्रह के पांच साल तक लगातार काम करने की उम्मीद है। इसरो ने इस परियोजना पर 788 करोड़ रुपए का योगदान दिया है, जबकि नासा ने 80.8 करोड़ डॉलर का योगदान दिया है। इसका इतना दमदार होगा कि यह 240 किलोमीटर तक के क्षेत्र के सटीक स्पष्ट चित्र ले सकेगा। यह पृथ्वी का पूरा चक्कर लगाने में 12 दिन का दावा है।

क्या-क्या जानकारी देगा?
यह उपग्रह बवंडर, तूफान, ज्वाला, भूकंप, ग्लेशियरों के झरझरा, समुद्री तूफान, जंगली आग, समुद्र के जलस्तर में धब्बे, तरंग, झिलमिलाती धरती, बर्फ का कम होना आदि की पहली ही जानकारी देंगे। पृथ्वी के चारों ओर सागर हो रहे हैं जन्म और पृथ्वी की ओर अंतरिक्ष से आगमन वाले की भी जानकारी इस सैटेलाइट से मिल रही है। पेड़-पौधों की घट-बढ़ती संख्या पर नजर रखते हुए। निसार से प्रकाश की कमी और किसी भी आधार की जानकारी मिल जाएगी।

क्या सामरिक रूप से पूर्ति है?
हां, इस उपग्रह से मिलने वाले हाई-रिजॉल्यूशन की तश्वीरें हिमालय में ग्लेशियरों की निगरानी में भारत और अमेरिका की उभरने की मदद करती हैं। यह चीन और पाकिस्तान से लगी भारत की सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखने में भी सरकार की मदद कर सकता है।

भारत के लिए क्यों अहम है ये?
इसरो ने 1979 से अब तक 30 से अधिक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह लॉन्च किए हैं। इसका उद्देश्य बेहतर योजना, कृषि और मौसम से संबंधित अंतरिक्ष पर्यवेक्षण प्राप्त करना है। निसार में संयुक्त अपभ्रंश है, जो देश के किसी भी अन्य उपग्रहों से मिलने वाली तस्वीरों की तुलना में अत्यधिक उच्च रिजॉल्यूशन की छवि भेजेगा। इसमें बादलों के पीछे और अंधेरे में भी देखने की क्षमता है। ये सबसे ज्यादा अर्थ डेटासेट उपग्रहों में से एक होगा।

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