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- पेट्रोलियम उत्पादों पर टैक्स से सरकार को 9 महीने में मिले 5.45 लाख करोड़, टैक्स के बाद पेट्रोल-डीजल के दाम हुए दोगुने
नई दिल्ली14 मिनट पहले
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भारतीय प्रोजेक्ट सेक्टर की 15 बड़ी तेल-गैस परियोजनाओं से चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों में यानी अप्रैल-दिसंबर के बीच सरकारी विकल्प में 5.45 लाख करोड़ रुपये आए हैं। इसमें से 3.08 लाख करोड़ रुपए केंद्र सरकार के झंडे में और 2.37 लाख करोड़ रुपए राज्यों के झंडे में आए। पेट्रोलियम गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने सोमवार को राज्यसभा में ये जानकारी दी।
फास्ट ने एक सवाल के जवाब में लिखा है कि पेट्रोलियम सेक्टर के इस योगदान में अमृत एक्साइज ड्यूटी, स्पेशल वर्जन एक्साइज ड्यूटी, रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सेस (उपकर), एग्रीकल्चर और इन्फ्रास्ट्रक्चर कंसर्न सेस और टाइल प्रोडक्ट्स पर अन्य सेस व सरचार्ज शामिल हैं।
2021-22 में 7.74 लाख करोड़ रुपए सरकारी रूप में आए
इस साल के आंकड़ों के अलावा, राज्यसभा को पिछले पांच साल के आंकड़े भी मिले हैं। इसके मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष तेल-गैस सेक्टर से सरकार को 7.74 लाख करोड़ रुपये मिले थे। वित्त वर्ष 2020-21 में ये बैंक 6.72 लाख करोड़ और 2019-20 में 5.55 लाख करोड़ रुपए था।
टैक्स के बाद दोगुने हो जाते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम
पेट्रोल-डीजल का बेस प्राइज पर जो अभी 57.16 रुपए है, इस पर केंद्र सरकार 19.90 रुपए एक्साइज ड्यूटी कर रही है। इसके बाद राज्य सरकारें इस पर अपनी होश से वैट और सेस वसूलती हैं, जिसके बाद इनका डैम बेस प्राइसेज से 2 गुना तक बढ़ जाता है।
पेट्रोल-डीजल पर टैक्स का विज्ञान
पेट्रोल/ विशिष्ट (रु.) | डीजल/मिसाल (रु.) | |
आधार मूल्य | 57.16 | 57.95 |
सदमा | 0.20 | 0.22 |
एक्साइज ड्यूटी | 19.90 | 15.80 |
डीलर कमीशन | 3.75 | 2.54 |
वैट | 15.71 | 13.11 |
कुल मूल्य | 96.72 | 89.62 |
नोट: ये आंकड़े 14 मार्च 2023 को दिल्ली में पेट्रोल-डीजल की कीमत के हिसाब से हैं।
मई 2022 में पेट्रोल और डीजल पर घटाई गई एक्साइज ड्यूटी थी
सरकार ने ईंधन की सर्वोच्च प्रमाण से रिलीज होने के लिए मई 2022 में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 8 रुपए और डीजल पर 6 रुपए प्रति लीटर घटाई थी। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद महाराष्ट्र, केरल और राजस्थान के राज्यों में भी पेट्रोल और डीजल पर वैट (वैल्यू एडेड टैक्स) का चयन किया जा सकता था।
पेट्रोल-डीजल के आज के दाम
देश में तेल के दाम पिछले करीब 9 महीने से स्थिर हैं। हालांकि जुलाई में महाराष्ट्र में पेट्रोल जरूर पांच रुपए और डीजल तीन रुपए प्रति लीटर कच्चा था, लेकिन बाकी राज्यों में बांध जस के तस बने हुए हैं।
