नई दिल्ली11 मिनट पहले
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स्मार्टफोन रजिस्टर के प्रीलोडिंग ऐप को हटाने के बारे में जानकारी देने से जुड़ी रिपोर्ट इलेक्ट्रॉनिक्स और राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने खंडन किया है। उन्होंने कहा ‘यह कहानी पूरी तरह से गलत है।’ मंगलवार को न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने कहा था कि मोबाइल मेकर अथॉरिटी को प्री-इन्स्टॉल ऐप को अन-इंस्टॉल करने का फैसला करना होगा। इसके साथ ही ऑपरेटिंग सिस्टम में बड़े पैमाने पर सूचनाओं की स्क्रीनिंग की जाएगी।
चंद्रशेखर ने कहा, ‘कहानी समझ की कमी पर आधारित है। यह शायद ही एक विश्वसनीय कल्पना है जो BIS मानक IS17737 (पार्ट -3) 2021 की मोबाइल सीमा दिशानिर्देशों पर मंत्रालय और मंदी के बीच चल रही कंसल्टेशन प्रोटोकॉल पर आधारित है। सरकार डूइंग बिजनेस के लिए 100% कमिटेड है और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को 300 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने पर फोकस कर रही है।

सैमसंग, संगति से प्रभावित होने वाले व्यवसाय
रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया था कि सरकार के इस फैसले से सैमसंग, प्रासंगिक, वीवो और ऐपल जैसी कंपनियां प्रभावित होंगी। इन प्राधिकरण के स्मार्टफोन्स में प्रिक्स इंस्टॉलर ऐप होते हैं, उपयोगकर्ता अपना टेलीफोन जाम नहीं देख पाते हैं। इससे पहले कॉम्पिटिशन ऑफ इंडिया (CCI) ने Google पर जुर्माना लगाया था। इसके बाद Google ने अपने Android ऑपरेटिंग सिस्टम और Google Play-Store बिलिंग में कई बदलावों की घोषणा की थी।
डेटा की जासूसी से संबंधित
रॉयटर्स के मुताबिक आईटी मिनिस्ट्री यूजर डेटा की जासूसी और उसके गलत इस्तेमाल को लेकर चिंतित है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम बताने की शर्त पर बताया कि मौजूदा सरकार से जुड़ी सूचनाओं को लेकर विचार कर रहा है। पूर्व समान वेबसाइट कमजोर पाइंट हो सकती हैं। हम नहीं चाहते कि चीन सहित कोई भी विदेशी ताकतों को फायदा हो। यह राष्ट्रीय विवरण का संकेत है।
