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Friday, March 10, 2023
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बच्चों के लिए जहर बना नोएडा का कफ-सीरप: टेस्टी बनाने के लिए बैन केमिकल, 22 आम फेल, दावा- इससे 18 बच्चे माउंट हुए

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नोएडा17 मिनट पहलेलेखक: सचिन गुप्ता / दीपांकर जैन

3 मार्च 2023 को नोएडा पुलिस ने अतुल रावत, तुहिन भट्टाचार्य और मूल सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

नोएडा की मैरियन बायोटेक कंपनी के कफ सीरप DOK-1 MAX में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल रासायनिक रूप से जा रहे थे। यह रासायनिक भारत सहित कई देशों में प्रतिबंधित है। इसे सीरप को स्ट्रांग और टेस्टी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। चंडीगढ़ लैब से आई सीरप के आकलन की रिपोर्ट में इस रिपोर्ट का खुलासा हुआ है। अलग-अलग जांच में सीरप के 22 आरोपित फेल हुए हैं।

यह वही सी कफ़रप है जिसे उज्बेकिस्तान सरकार ने 18 बच्चों की मौत के लिए ज़िम्मेदार ठहराया था। इसके बाद ही इस मामले में भारत सरकार सक्रियता हुई। सीरप का ब्यौरा लिए गए और जांच के लिए भेजे गए। डायथिलीन/एथिलीन ग्लाइकॉल मिला इससे पीने पर कड़वाहट महसूस नहीं होती। मगर, रासायनिक की बड़ी मात्रा में धीमी मौत का सामान देता है।

कंपनी का लाइसेंस कैंसिल करने की तैयारी, 3 अरेस्ट
अब जिन देशों में इस सीरप की आपूर्ति हुई है, उसे वापस मंगवाया जा रहा है। वहीं, कंपनी का लाइसेंस भी रद्द करने की तैयारी की जा रही है। मामले में कंपनी के 3 अधिकारियों को जेल भेजा जा चुका है। जबकि शीर्ष स्तर के विवरण जारी हैं।

अब आप इस मामले को शुरू से ही उल्टा-सीधा समझाते हैं…

ये तस्वीरें अतुल रावत, मूल सिंह और तुहीन भट्टाचार्य के हैं। उन्हें 3 मार्च 2023 को गिरफ्तार किया गया।

उज्बेक रिपोर्ट में दावा- 300 जमाना एथिलीन ग्लाइकॉल था

  • मामले में भारत में 27 दिसंबर 2022 को दूतावास से डरावना मिलनी शुरू हो गई। 28 दिसंबर 2022 को फार्मास्युटिकल एक्सपोर्ट प्रमोशन ऑफ काउंसिल इंडिया के डायरेक्टर जनरल उदया भास्कर ने मैरियन बायोटेक के लिए और उन से मिलते-जुलते जैन को एक ईमेल पर। इसमें बताया गया कि उज्बेकिस्तान में 2 महीने के अंदर 18 बच्चों की मौत हो गई।
  • भारतीय दूतावास और मीडिया रिपोर्ट में सीरप पीने से मौत होने का दावा किया गया। ये भी बताया कि सीरप भारत में नोएडा स्थित मैरियन बायोटेक कंपनी में बना था।
  • इन रिपोर्ट्स में UzPharmAgency (एजेंसी ऑन एलेक्ट्रिक फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज) की एक रिपोर्ट का हवाला दिया गया था। इसमें बताया गया है कि कफ सीरप में रेंकलीन ग्लाइकॉल की जगह एथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा 300 गुणा ज्यादा पाई गई है। डीजी उदया भास्कर ने 3 अटकों पर मैरियन बायोटेक के एमडी से 24 घंटे में रिपोर्ट रिपोर्ट और रिपोर्ट नहीं देने पर लाइसेंस सपेंड करने के लिए कहा था।

अब तक हुआ क्या, वाकिफ पढ़ा

मैरियन बायोटेक कंपनी कफ सीरप की आपूर्ति उज्बेकिस्तान सहित फिलीपींस, कंबोडिया, किर्गिस्तान आदि कई देशों में होती है।

मैरियन बायोटेक कंपनी कफ सीरप की आपूर्ति उज्बेकिस्तान सहित फिलीपींस, कंबोडिया, किर्गिस्तान आदि कई देशों में होती है।

27 दिसंबर 2022: यूपी ड्रग विभाग की टीम नोएडा स्थित मैरियन बायोटेक कंपनी में पहुंचती है और 36 लोगों के लिए। 9 जनवरी 2023 : सरकार ने जांच पूरी होने तक कंपनी में कई दवाओं का उत्पादन बंद कर दिया। 12 जनवरी 2023 : गड़बड़ी के आरोप में लाइसेंस निलंबित कर दिया गया। कंपनी ने जांच से जुड़े दस्तावेज नहीं दिखाए। 02 मार्च 2023 : ड्रग इंस्पेक्टर आशीष ने नोएडा के थाना फेस-3 में मैरियन बायोटेक कंपनी के डायरेक्टर जया जैन, सचिन जैन, ऑपरेशन हेड तुहीन भट्टाचार्य, मैन्युफैक्चरिंग केमिस्ट अतुल रावत और मूल सिंह आदि के खिलाफ धारा 274, 275, 276, औषधि रसायन सामग्री अधिनियम 17,17-ए और 17-बी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। 3 मार्च 2023 : नोएडा पुलिस ने अतुल रावत, तुहिन भट्टाचार्य और मूल सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। 4 मार्च 2023 : औषधि विभाग ने आधिकारिक रूप से मीडिया को बताया कि क्षेत्रीय परीक्षण परीक्षण (RDTL) चंडीगढ़ लैब से जांच रिपोर्ट आई। इसमें 36 में से 22 काम करने वाले साथी पाए गए।

स्वास्थ्य मंत्रालय रिपोर्ट
नोएडा के ड्रग इंस्पेक्टर वैभव बब्बर ने बताया, “22 नौकरी पूरी तरह से मिले हैं। इसमें कई दाखिले में कफ सीरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा अधिक पाई गई है। एक तिहाई ये रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दी है।”

सूत्र ने बताया, “मैरियन बायोटेक कंपनी यूके के ड्रग्स बायलॉज के होश से कफ सीरप बना रही थी। जबकि इंडिया और यूएस ड्रग डिपार्टमेंट अपनी दवाओं में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथीलीन ग्लाइकॉल को प्रयोग करने की अनुमति नहीं देते।”

एथिलीन ग्लाइकोल के इस्तेमाल से किडनी खराब हो सकती है
सूचना विवरण हैं, ”एथिलीन ग्लाइकॉल एक कार्बन कंपाउंड होता है। सीरप को मीठा करने के लिए इसे डाला जाता है। अगर सीरप में इसकी अधिक मात्रा हो जाए तो ये जानलेवा हो सकते हैं। इसके सेवन से किडनी खराब होने का खतरा रहता है। ये केमिकल सीधे तौर पर किडनी पर असर करता है। किडनी फेल हो सकती है। इंडिया और यूएस समेत कई देशों में इस केमिकल का इस्तेमाल प्रतिबंधित है।

जिन देशों को सप्लाई होती है, वहां से वापस आती हैं दवाएं
नोएडा की मैरियन बायोटेक कंपनी से कफ सीरप की आपूर्ति उज्बेकिस्तान सहित फिलीपींस, कंबोडिया, किर्गिस्तान आदि देशों में कई देशों में होती है। नोएडा के ड्रग इंस्पेक्टर वैभव बब्बर ने बताया, “भारत में मैरियन बायोटेक कंपनी के कफ सीरप डीओके-1 की आपूर्ति नहीं है। उज्बेकिस्तान में मई-2021 में इसका एक स्लॉट था। जिन-जिन देशों को मैरियन कंपनी की दवाओं की आपूर्ति हुई थी। उन्हें वापस मंगवाना का ऑर्डर जारी करने के लिए एक अलर्ट मिला है।”

अब आप कंपनी के बारे में विवरण हैं…

एंटी वायरल, कोल्ड, पेन और फीवर की दवाएं बनती हैं

  • मैरियन बायोटेक लिमिटेड, नोएडा सेक्टर-67 में है। इस फर्म का नाम नोएडा अथॉरिटी को 5 अक्टूबर 2006 को दिया गया था। कंपनी जैन और जया जैन के नाम पर रजिस्टर्ड है।
  • इसकी श्रेणी कॉस्मेटिक्स परफ्यूम और अन्य ब्यूटी प्रोडक्ट्स के नाम से है। दूसरी कैटेगरी में नशा किया जाता है।
  • साल 2009 में बिल्डिंग को नोएडा की तस्वीर से कंप्लिकेशन के लिए अकाउंट जारी किया गया। 8 सितंबर 2010 को कंपनी ने फैंटेसी क्रिप्टोकरेंसी प्राप्त किया। कंपनी का बिजनेस प्रोफाइल एक्सपोर्ट मैन्युफेक्चरर है।
  • ये कंपनी रूस, पूर्व सोवियत गणराज्य दक्षिण पूर्व, एशिया अफ्रीका, लैटिन अमेरिका आदि में दवाओं की आपूर्ति करती है। यहां पर एंटी वायरल, एंटी कोल्ड मेडिसिन, पेन और फीवर की दवाओं के साथ ही एंटी बायोटिक दवाएं बनाई जाती हैं।

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