कौशांबी4 घंटे पहले
यह वीडियो कौशांबी का है। इसमें भाई अपनी बहन का शव बाइक से ले जाते हुए नजर आ रहा है।
उत्तर प्रदेश के कौशांबी में एक भाई को अस्पताल से बहन की शव बाइक पर ले जाया गया, क्योंकि उसे फोटो पर भी शव वाहन नहीं दिया गया। शव लेकर 5 किलोमीटर दूर था भाई। जहां उसने बहन के सुसाइड करने की जानकारी दी और अस्पताल प्रबंधन की शिकायत की।
लड़की इंटर में पढ़ती थी। फेल होने के डर से उसने गुरुवार शाम फाँसी ली थी। उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां शुक्रवार सुबह उसकी मौत हो गई।

होस्टल के प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। परिजन ने शव वाहन मांगा तो अस्पताल ने विकल्पों का चुनाव नहीं किया। ऐसे में बाइक से शव ले गए।
मामला कोखराज थाने के अंबेडकर नगर मोहल्ले का है। बन्धु का नाम निराशा (16) था। भाई कुलदीप ने बताया, “बहन ने इंटर के पेपर दिए थे। पेपर अच्छे नहीं हुए थे इसलिए उसे परेशानी हुई। कुछ दिन पहले ही रिजल्ट आने की खबर मिली, तो उसे फेल होने का डर सताने लगा।
गुरुवार को वह हम लोगों के साथ घर में बैठी थी। कुछ देर बाद कमरे में चला गया। काफी देर तक बाहर नहीं आई, तो हम कमरे में गए। वहां देखा कि वह पंखों में फंदा ग्लिटर लगा हुआ है। उसकी सांसें चल रही थीं। हम उसे तुरंत तेजमती अस्पताल ले गए। शुक्रवार सुबह उनकी मौत हो गई।”

अस्पताल से सबसे पहले पुलिस की एक पिकेट भी खा रही थी। उसने बाइक से शव ले जाते देखा, लेकिन किसी मदद की नहीं।
अस्पताल ने पकड़ा बिलया, शव वाहन नहीं दिया
कुलदीप ने बताया कि अस्पताल में भाई बहन का ठीक से इलाज नहीं किया गया। उसकी मौत के बाद पूरा बिल पकड़ा गया। जब हम लोगों ने इतना पैसा देने से मना किया तो उन लोगों ने शव वाहन देने से मना कर दिया। हम लोगों ने खाली घंटे वेट भी किया, फिर भी वो लोग नहीं माने।

जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी
मामले में थाना प्रभार रमेश पटेल ने बताया, ”कुलदीप नाम का युवक अपनी बहन के शव को थानेकर था। शव को कब्जे में लेकर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। निजी अस्पताल से शव वाहन न उपलब्ध अनुसंधान की बात परिजन ने बताई है। मामले में जांच कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
अस्पताल कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होगी
कौशांबी के सीएमओ डॉ. सुस्पेंद्र सिंह ने बताया, ”निजी अस्पताल में तेजमती में मरीज की मौत के बाद शव वाहन नहीं जाने का मामला सामने आया। जांच क्रमांक सीएमओ स्तर के अधिकारियों को सौंपा गया है। रिपोर्ट आने पर निजी अस्पताल कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”