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- ढोल और ढोल की मां-बेटी को बुग्गी पर बैठाकर लाए दादा-दादी, बेटियों का नाम रिद्धि सिद्धि
धारएक खोज पहले
खराब होने के कारण पैदा होने वाले परिवार में ऐसे बच्चे होते हैं जो वयस्क होते हैं। ढोल-नगा के साथ बच्चे पूरी तरह से बदलते हैं। बच्चों के दादा-पिता और परिवार के बच्चे रथ के पूर्व नाचते-झूमते अगला।
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किंवड़ा में रहने वाले मयूर भायेल की अपने घर परिवार के लोग हों। उन्हें 11 सत्तेश 2021 गणेश चतुर्थी के दिन दुड़नाबेटे ने जन्म्म्न दया। परिवार के सदस्य परिवार के सदस्यों के नाम रिद्धि और सिद्धि हैं। अपने ससुराल बैक को चार्ज करें।

रथ में अपनी मां की देखभाल करने के लिए एक स्वस्थ बच्चे रहते हैं।
ससुराल के नें लोगों ने घर से ही दादा के घर के लिए बड़ा धूमधाम से चलाया। गांव में माता मंदिर से डीजे और ढोल बाजे के साथ ‘प्रसिद्धि-सिद्धि का’ बड़े ही प्यार के साथ परिचय। सुबह 11 बजे से 4 बजे तक परिचय हुआ। इस तरह के लोगों को दो घंटे लगते हैं।

अश्रद्धा गणेश चतुर्थी के जन्म की पृष्ठभूमि।
सभी की प्रशंसा
परिवार के मुखिया और बच्चों के दादा जगदीश भायल की सोच के गांव के लोगों ने भी प्रशंसा की। डेडेटेड साल पहले जैदीश ने अपने खेल की भी धूम से की थी। गणेश चतुर्थी पर बहु ने दो दोहरी गुणा को जन्म दिया था। प्राण के पिताम्यूर भायल की कुक् में की दुकान है। जगदीश भायल की 6 बीघा खेती है दादा।