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- भारत के सेमीकंडक्टर मिशन का मिलेगा फायदा, लोगों को मिलेगा रोजगार, ताइवान और चीन पर निर्भरता कम होगी
16 मिनट पहले
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दुनिया भर में दूसरी सूची की आपूर्ति बढ़ाने के लिए भारत और अमेरिका मिलकर काम करेंगे। इस संबंध में शुक्रवार (10 मार्च) को भारत-अमेरिका व्यापारिक संवाद के दौरान दोनों देशों के बीच मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) यानी समझौता किया गया। वाणिज्य मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है।
उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के बुलावे पर अमेरिकन कॉमर्स से क्रेटरी जीना रायमोंडो भारत-अमेरिका सीईओ फोकस में भाग लेने के लिए दिल्ली आए थे। इस समझौते के अनुसार दोनों देश महिला प्रोजेक्ट सप्लाई चेन और इनोवेशन के सेक्टर में पार्टनरशिप को लेकर काम करेगा।
दिल्ली में भारत-यूएसए कमर्शियल डायलॉग के दौरान उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और अमेरिकी वाणिज्य सेक्रेटरी जीना रायमोंडो।
पूरी दुनिया में सेमीकंडक्टर यानी एक छोटी सी चिप को लेकर बड़ी लड़ाई चल रही है। एक ओर जहां चीन अमेरिका में विकर्षित हो रहा है, वहीं कई अमेरिकी कंपनियाँ इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमी शेयर पार्ट की सप्लाई चेन में भारतीय प्राधिकरण के साथ काम करना चाहती हैं। भारत ने चिप और प्रदर्शन के लिए 1000 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन योजना भी शुरू की है। ऐसे में भारत-अमेरिका के बीच हुई इस डील से दोनों देशों को फायदा होगा।


क्या होता है ये सेमीकंडक्टर चिप?
सेमीकंडक्टर सिलिकॉन से बने होते हैं और सर्किट में इलेक्ट्रिसिटी कंट्रोल करने के काम आते हैं। ये चिप एक दिमाग की तरह इन कनेक्शन्स को संचालित करने में मदद करती है। इनमें से हर एक इलेक्ट्रॉनिक आइटम अधूरा है। कंप्यूटर, लैपटॉप, कार, वाशिंग मशीन, एटीएम, संदिग्ध मशीन से लेकर हाथ में मौजूद स्मार्टफोन तक सेमीकंडक्टर चिप पर ही काम करते हैं।
सेमीकंडक्टर कैसे काम करता है
ये चिप इलेक्ट्रॉनिक आइटम को पहचानने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, स्मार्ट वाशिंग मशीन में कपड़े पूरी तरह धुलने के बाद टैग किए गए अक्षर बंद हो जाते हैं। इसी तरह की कार में जब आप सीट बेल्ट लगाना भूल जाते हैं, तो कार आपको अलर्ट देती है। ये सेमीकंडक्टर की मदद से ही होता है।


चिप मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में अभी क्या हो रहा है?
- गुजरात में स्थापित होगा देश का पहला सेमीकंडक्टर प्लांट : सेमीकंडक्टर बनाने के लिए भारत का पहला पौधा गुजरात के धोलेरा में बनाया जा रहा है। यह भारतीय कंपनी वेदांता और ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी फॉक्सकॉन का ज्वाइंट वेंचर मिलकर बना है।
- गुजरात सेमीकंडक्टर 2022-27: गुजरात सरकार, ‘गुजरात सेमीकंडक्टर पॉलिसी 2022-27’ के तहत इस प्रोजेक्ट को सब्सिडी और इंसेंटिव देगी। एक सरकारी अधिकारी के अनुसार सेमीकंडक्टर और व्यूअरेशन सेक्टर के लिए इस तरह की समर्पण नीति रखने वाला गुजरात देश का पहला राज्य बन गया है। इस पॉलिसी के तहत इस प्रोजेक्ट को कुल 75 फीसदी तक सब्सिडी मिलने की उम्मीद है और जमीन की खरीद पर जीरो स्टैंप ड्यूटी लगेगी। साथ ही पहले 5 साल तक पौधे को 12 रुपए प्रति घन मीटर पानी दिया जाएगा।
भारत-अमेरिका के बीच व्यापार संबंध
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर्स और ट्रेडिंग पार्टनर है, जबकि भारत अमेरिका का नौवां सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। अमेरिका भारत में एफडीआई का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत भी है और वह भारत के लिए शीर्ष-5 निवेश स्थलों में शामिल है।
