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Wednesday, March 15, 2023
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भारत में कानून प्रैक्टिस कर विल एलियन एडवोकेट: बार काउंसिल ने जारी किए नियम; रजिस्ट्रेशन के लिए 20 से 40 लाख रुपए तक दिए जाएंगे

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नई दिल्ली3 मिनट पहले

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विदेशी वकील और कानूनी फर्मों के साथ भारत में कानून प्रैक्टिस करेंगे। उन्हें सभी तरह के मामलों में प्रैक्टिस करने की इजाजत नहीं होगी।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने विदेशी लोगों और कानूनी फर्मों को विदेशी कानून और अंतरराष्ट्रीय हितों वाले मामलों में अभ्यास करने की परमिशन दी है। बार काउंसिल ने इसके लिए नियम-कानून भी जारी किए। भारत में अभ्यास करने के लिए विदेशी और कानूनी फर्मों को बार काउंसिल ऑफ इंडिया में पंजीकरण पंजीकरण होगा।

रजिस्ट्रेशन के लिए देने होंगे 20.7 लाख रुपए

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रजिस्ट्रेशन के लिए एलियंस को करीब 20 लाख और कानूनी फर्मों को करीब 40 लाख रुपए दिए जाएंगे। ये पंजीकरण 5 साल के लिए होगा। इसके बाद भी प्रैक्टिस जारी रखने के लिए रजिस्ट्रेशन को रिन्यू राइट्स होंगे।

सभी मामलों में प्रैक्टिस की नहीं पर मिशन होगा

विदेशी सभी तरह के मामलों में प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं होगी। शर्तों के तहत एलियंस को ज्वांइट वेंचर, मर्जर, एग्रीमेंट, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी मैटर्स, ड्राफ्टिंग और दूसरे कॉर्पोरेट मामलों में प्रैक्टिस करने की अनुमति होगी। हालांकि उन्हें संपत्ति के दृष्टिकोण और स्वामित्व की जांच करने जैसे मामलों में प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं होगी।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया का संविभाग अधिनियम, 1961 के सेक्शन 4 के तहत किया गया था।  बार काउंसिल देश में लॉ प्रैक्टिस और लॉ एजुकेशन को रेगुलेट करती है।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया का संविभाग अधिनियम, 1961 के सेक्शन 4 के तहत किया गया था। बार काउंसिल देश में लॉ प्रैक्टिस और लॉ एजुकेशन को रेगुलेट करती है।

ब्रिटेन से बार काउंसिल का समझौता ज्ञापन हो सकता है

भविष्य में बार काउंसिल ऑफ इंडिया और लॉ सोसाइटी ऑफ इंग्लैंड एंड वेल्स के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हो सकता है। इसमें भारत और ब्रिटेन सरकार भी शामिल होगी। इस एमओयू के बाद ब्रिटिश और भारतीय वकील काम करेंगे और एक दूसरे की मदद करेंगे।

एक लॉ वेबसाइट के अनुसार, ब्रिटेन दावा करता है कि यहां भारतीय नौकरीपेशा और कानूनी फर्मों को भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय कानून की प्रैक्टिस करने और अंग्रेजी कानून के बारे में सलाह देने का मिशन है।

बार काउंसिल का कहना है कि विदेशी लोगों की एंट्री से भारतीयों को कोई नुकसान नहीं होगा।

बार काउंसिल का कहना है कि विदेशी लोगों की एंट्री से भारतीयों को कोई नुकसान नहीं होगा।

भारतीय और विदेशी दोनों को फायदा होगा

बार काउंसिल का मानना ​​है कि कानूनी मामलों में भारतीय वकील सभी विदेशी ही अच्छे होते हैं, इसलिए उन्हें विदेशी आने से कोई नुकसान नहीं होगा। इस कदम से भारतीय और विदेशी दोनों ही लोगों को फायदा होगा और देश में लीगल प्रोफेशन को बढ़ावा मिलेगा।

बार काउंसिल का दावा है कि ये नियम देश में फॉरेन डायरेक्ट इंस्टामैंट से जुड़ी सेवाओं को भी दूर करने में भी मदद करेगा। इससे भारत अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक सिनेमा का केंद्र दिखता है।

पहले भी कई देश विदेशी लोगों को अंतरराष्ट्रीय और कानूनी मामलों में अभ्यास देने की अनुमति देते हैं। हालांकि इसके साथ वे कुछ झूल भी रहे हैं। भारत भी शिपमेंट के साथ और कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में ही विदेशी लोगों और कानूनी फर्मों को अभ्यास करने की अनुमति दे रहा है।

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