5.4 C
London
Tuesday, March 14, 2023
HomeIndia Newsभोपाल गैस कांड-सुप्रीम कोर्ट मुआवजा पर सुनाएगा फैसला: सरकार ने कहा था-...

भोपाल गैस कांड-सुप्रीम कोर्ट मुआवजा पर सुनाएगा फैसला: सरकार ने कहा था- दिखावे को अधर में नहीं छोड़ सकती, दाऊ 7800 करोड़ दे

Date:

Related stories


  • हिंदी समाचार
  • राष्ट्रीय
  • 1984 भोपाल गैस त्रासदी | बढ़े हुए मुआवजे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

नई दिल्ली5 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को 1984 की भोपाल गैस कांड के चक्कर का सर्वेयर की क्यूरेटिव पिटिशन पर फैसला सुन सकता है। पूर्वाग्रह को केंद्रीय पूर्वाग्रह से करीब 7800 करोड़ की अतिरिक्त आरोपियों की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जनवरी में ही पूरी हो गई थी।

3 दिन तक दलील सुनने के बाद जस्टिस एसके कौल की अध्यक्षता वाले 5 जजों की बेंच ने 12 जनवरी को सुरक्षित फैसला लिया। सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि गली को अधर में नहीं छोड़ सकती।

भोपाल गैस त्रासदी 2-3 दिसंबर 1984 की रात में हुई थी। यूनियन तयशुदा योजना के एक टैंक से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस बनने के कारण चारों तरफ लाशें ही लाशें बिछ गईं।

सेंटर ने 2010 में पैर रखने की थी क्यूरिव पिटिशन
गैस कांड के बाद केंद्रीय निगम निगम ने झलक को 470 मिलियन डॉलर दिया था। लेकिन पूर्वाग्रह ने ज्यादा मुआवजा की मांग करते हुए कोर्ट में अपील की। सेंटर ने 1984 की गैस कांड को डाउ केमिकल्स से 7,844 करोड़ रुपये का अतिरिक्त मांगा है। इसके लिए दिसंबर 2010 में सुप्रीम कोर्ट में क्यूरिव पिटिशन ने पैर पसार लिए थे।

गैस शिकायत ने दिसंबर 2022 में पर्याप्त मुआवजे को लेकर भोपाल में भी आंदोलन किया था।

गैस शिकायत ने दिसंबर 2022 में पर्याप्त मुआवजे को लेकर भोपाल में भी आंदोलन किया था।

चौकी का दावा- मरने का पात्र 25 हजार से ज्यादा
गैस पीड़ित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष बालकृष्ण नामदेव ने बताया था कि 1997 में मृत्यु के तीसरे पंजीकरण को रोकने के बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट को बता रही है कि आपदा से केवल 5,295 लोग मारे गए हैं। आधिकारिक रिकॉर्ड दर्ज हैं कि 1997 के बाद से बीमारी के कारण होने वाली बीमारियों से हजारों लोग मर रहे हैं। मौत का वास्तविक पात्र 25 हजार से अधिक है।

भोपल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा के अनुसार यूनियन करबाइड को इसकी जानकारी थी कि गैस बढ़ाने की वजह से स्थायी नुकसान होगा। सरकार से भी यह बात छुपाई गई थी।

अब जानिए क्या था 1984 का भोपाल गैस कांड

  • 2-3 दिसंबर 1984 की दरम्यानी रात गैस त्रासदी हुई। यूनियन फैक्ट्री के 610 नंबर के टैंकों में खतरनाक मिथाइल आइसोसायनाइड रसायन था। टैंक में पानी पहुंच गया। तापमान 200 डिग्री तक पहुंच गया। धमाके के साथ टैंक का वॉल्व उड़ गया। उस समय 42 टन जहरीली गैस का रिजनिंग हुआ था।
  • उस समय एंडरसन यूनियन के प्रमुख थे। हादसे के चार दिन बाद वह गिरफ्तार हो गया, लेकिन जमानत मिलने के बाद अमेरिका लौट गया। फिर कभी भारतीय क़ानून के शिकंजे में नहीं आया। उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया। अमेरिका से प्रत्यर्पण के प्रयास भी हुए। लेकिन कोशिश नाकाम रही। 92 साल की उम्र में 29 सितंबर 2014 को अमेरिका के फ्लोरिडा में एंडरसन की मौत हो गई थी।

भोपाल गैस कांड से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें…

ग्राउंड रिपोर्ट- पीड़ित आज भी जीते जा रहे हैं भोपाल गैस त्रासदी का दंश

फूलवती बाई अपने पोते प्रियांश के साथ।  प्रियांश के पिता की 3 साल पहले ही मौत हो गई थी।  25 साल के प्रियांश भी प्रभावित होते हैं।  उनका विलंबित हो गया है।

फूलवती बाई अपने पोते प्रियांश के साथ। प्रियांश के पिता की 3 साल पहले ही मौत हो गई थी। 25 साल के प्रियांश भी प्रभावित होते हैं। उनका विलंबित हो गया है।

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी गैस त्रासदी को भले ही 37 साल के हो गए हो, लेकिन चोट आज भी ताजा है। फूलवती की चौथी पीढ़ी गैस त्रासदी का दंश भोग रही है। दैनिक भास्कर से फूलवती ने उस मंजर को याद करते हुए जो कुछ बताया, समान के शब्दों में…

भोपाल ने जीता दुनिया की सबसे बड़ी त्रासदी​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​ लेकिन, Google भी यही बता रहा​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​

आज की जनरेशन ने उस भयानक रात के बारे में सिर्फ सुना या तस्वीरें देखी होंगी। यकीन माने कि वह रात दुनिया की सबसे खतरनाक रातों में से एक है। गूगल सर्च इंजन यह भी बताता है कि दुनिया में वह पहले और उसके बाद आज तक ऐसा कोई भी औद्योगिक आपदा नहीं है, जो भोपाल गैस त्रासदी के दुख-दर्द और नुकसान के बराबर है।​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​ पढ़ें पूरी खबर…

खबरें और भी हैं…



Source link

Subscribe

- Never miss a story with notifications

- Gain full access to our premium content

- Browse free from up to 5 devices at once

Latest stories

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here