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Tuesday, March 14, 2023
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मीन संक्रांति कब ? जानें मुहूर्त, सूर्य की पूजा की विधि और इस दिन दान का महत्व

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मीन संक्रांति 2023 तिथि और समय: शास्त्रों के अनुसार हर माह सभी योजनाओं के राजा भगवान सूर्यदेव एक महीने की बारीकियों पर एक से दूसरी राशि में गोचर करते हैं। सूर्य जिस राशि में प्रवेश करते हैं उसी दिन उसी राशि के नाम पर संक्रांति मनाई जाती है। सूर्य देव की आराधना के लिए संक्रांति का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। अभी मार्च और चैत्र का महीना चल रहा है। 15 मार्च 2023 को सूर्य देव मीन राशि में प्रवेश करेंगे। सभी 12 संक्रांति में मकर, धनु, कर्क और मीन संक्रांति का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं मीन संक्रांति का पुण्य – महापुण्य काल और इस दिन क्या दान करें।

मीन संक्रांति 2023 मुहूर्त (मीन संक्रांति 2023 मुहूर्त)

15 मार्च 2023 बुधवार को सूर्य देव सुबह 06 बजकर 47 मिनट पर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। कहते हैं संक्रांति के दिन पुण्य काल में गंगा नदी में स्नान करने से किसी व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है उसके सभी पाप धूल हो जाते हैं। वहीं मान्यता है कि संक्रांति पर महापुण्यकाल में सूर्य को अर्घ्य देने और ताब, लाल चंदन, फूल, जल, अन्न दान देने से साधक सूर्य के समान स्थायी बनता है।

  • मीन संक्रांति पुण्य काल – सुबह 06 बजकर 47 – दोपहर 01 बजकर 10 (15 मार्च 2023)

अवधि – 06 घण्टे 23 मिनट

  • मीन संक्रान्ति महा पुण्य काल – सुबह 06 बजकर 47 – सुबह 08 बजकर 46

अवधि – 02 घण्टे 00 मिनट

मीन संक्रांति महत्व (मीन संक्रांति महत्व)

मीन संक्रांति पर स्नान, दान, सूर्य देव की उपासना से साधक को तेज, बल, ऐश्वर्य और सुख प्राप्त होता है। ही साथ में संक्रांति से एक माह तक खरमास लग जाते हैं और खरमास की अवधि में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। सूर्य पंच देवों में से एक हैं। ब्रह्म पुराण के अनुसार स्वंय श्रीकृष्ण कहते हैं कि जो लोग सूर्य पूजा करते हैं उन्हें ज्ञान, मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। पिता का सहयोग बना रहता है। धन और प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। वैसे तो सूर्य पूजा रोज करनी चाहिए लेकिन संक्रांति का दिन उत्तम फल होता है।

मीन संक्रांति से एक माहत तक न करें शुभ कार्य (मीन संक्रांति नियम)

मांगलिक कार्य करने से पहले कुंडली में गुरु और सूर्य दोनों की स्थिति देखी जाती है। सूर्य देव जब बृहस्पति की राशि में होते हैं तो उनका तेज कम हो जाता है साथ ही सूर्य के तेज के कारण गुरु ग्रह भी कमजोर होता है। ऐसे में शुभ कार्य फलित नहीं होता है, इसलिए एक महीने तक विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, नए व्यवसाय की शुरुआत नहीं करनी चाहिए। इससे जीवन में संघर्ष और मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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