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- मनाली में भगवान आदेश… 42 दिनों में 9 गांवों में न शोर, न पूजा या घंटी बजेगी; बंद रहेगा टीवी, कुकर में खाना बनाना भी है मना
कुल्लू4 पहलेलेखक: गौरीशंकर
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बार-बार बजने की क्रिया, आवाज में भी ऐसा ही होता है।
मनु की नगरी मेनेली में व्यवस्थापक के आदेश को व्यवस्थित किया गया है। मकर संक्रांति की सुबह से पहले क्रमानुसार हो गए थे। संचार, कुल्लू जिले के गोशाल गांव में है कि गांव के अद्भुत देवता-व्यास ऋषि और कंचन नाग देवता इन टास्या में लीन होते हैं। देवतांक को शांत वाटावरण मिल, इसके लिओ शोर नयी नहीं करना कोखा जा। ऐसे में 42 दिन तक पूजा और घंटियां बजेगी। ️ आसपास️ लगते️ लगते️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ इन प्रसारण भी अब रेडियो प्रसारण, न टीवी कार्यक्रम। खाना पकाने के लिए . मिट्टी को मिट्टी में खराब होने दें। 42 किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं हुआ।
लेप से कुमकुम
देव के चलते के चलते के 9 गांव गोशाल गांव सहित कोठी, सोलंग, पलचान, रुआड़, कुलंग, शनाग, बुरुआ मझा के लोहड़ी से पिछले 24 फरवरी तक मकर संक्रांति 14 से 26 फरवरी तक। न एकड़-खलीफान में
देवता की पिंडी से कुमकुम, कोल व बाल बाल वायु पृथ्वी के लिए एक अचंभे से कम, घाटी के लोगों के लिए यह स्थिति और है। कुमकुम तो शांती से झूम उठेगा। अगर आप कृषि के लिए
मृप से विशिष्ट वस्तु का देव समाज में अर्थ
मान्यता है लेप से निगली चील की चटनांक का संख्योधी है:
फूल: दिन शुभ होने का चिह्न
सड़क के रास्ते: संतरा की फसल बेहतर होने का चिह्न
कोयला: आगजनी का चिह्न
कुमाकुम: शादी अति प्रिय।
पश्चिमी ववबजरी के जलप्रपात का चिह्न
मानव के बाल: को प्रभावित करने वाले लोग
भेड़-बकारी के बाल: कोभव का चिह्न।