संभल19 मिनट पहले
गुरुवार दोपहर 12 बजे से शुरू हुआ रेस्क्यू शुक्रवार 12 बजे तक जारी है। रातभर एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू रन किया।
उत्तर प्रदेश के संभल में हुए ठंडे भंडारण हादसे में शुक्रवार दोपहर तक मलबे से 21 लोगों को बाहर निकाला गया। इन 10 लोगों की मौत हो चुकी है हो चुकी है बंद। जबकि 11 को मुरादाबाद हॉस्पिटल में फर्जीवाड़ा किया गया है। 24 घंटे से रेस्क्यू चल रहा है। अभी 3-4 घंटे का बचाव अभियान रिपोर्ट है। रातभर के DM और डीटजी सहित वरिष्ठ अधिकारी स्मारक पर लगे हुए हैं।
डीआईजी शल्भ माथुर ने बताया, “एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की टीम ने रात भर बचाव अभियान चलाया। हमें 24 लोगों की कार्रवाई में दबे होने की जानकारी मिली थी। 21 को अनुमान जा चुका है। अभी 3 लापता हैं, उनका खोज तक अभियान अभियान चलेगा। ।”

कोल्ड स्टोर में प्रोटोकॉल भरने की इन तस्वीरों में आप देख सकते हैं। दबाव बढ़ने के कारण ही पूरा छत ढह गया।
डीएम मनीष बसंल ने बताया कि गुरुवार दोपहर 12 बजे से रेस्क्यू शुरू हुआ था। रात भर में छत की कंक्रीट हटा दी गई। अब के आलू बोरे हैं, उनमें से एक-एक करके हटाया जा रहा है। इस कारण समय लग रहा है। कोल्ड स्टोरेज के मालिक आदित्य और रोहित अग्रवाल के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
मरने के परिजन को 2-2 लाख, गंभीर घायलों को 50-50 हजार का अज्ञान
उद्र, सीएम योगी ने मरने के परिजन को 2-2 लाख, गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार का अधिकार देने का ऐलान किया है। वहीं, सभी घायलों का मुक्त में इलाज किया जाएगा। कमिश्नर और डीआईजी मुरादाबाद की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। ये हादसे की जांच करके रिपोर्ट देगी शासन।
सबसे पहला पढ़ा हादसा किन कारणों से हुआ…
डेली भास्कर की टीम पहुंचीं तो हैरान करने वाली बातें सामने आईं। पता चला कि कोल्ड स्टोर में एक चेंबर पहले से बना था। 6 महीने पहले जो दूसरा चेंबर बना था। उसकी प्रशासन से एनओसी नहीं ली गई थी। इसे लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध भी किया था। यही चेम्बर पूरा हुआ है।

दुर्घटना के बाद घटनास्थल पर पहुंचने वाली टीम ने दबे हुए लोगों का बचाव किया। ज्यादातर लोग आलू और आलू के ढेर में दब गए थे।
आलू के दबाव से पिलर टूटा… फिर छत का ढांचा
जिस कोल्ड स्टोरेज में हादसा हुआ उसका नाम एक कोल्ड स्टोरेज है। यहां के एक कर्मचारी ने बताया, ”स्टोरेज को लॉन्च कैसे क्षमता से ज्यादा भरा जा रहा था। अफसर हम लोगों से और आलू भरने की बात बार-बार कह रहे थे। जब एक रैक भर गया तो गैलरी में भी जुगाड़ से लकड़ियों के फंदे लगाए गए। उन पर आलू के बोरे लादते गए। आलू का अचानक दबाव से स्टोरेज के बीच वाला पिलर तिरछा हो गया। जब तक कोई समझ नहीं आया, तब तक खंभा टूट गया और छत भर गई।”
“छत टिन शेड और आयरन के एंगल के बराबर बनी हुई थी। बड़ा-बड़ा एंगल, टिन शेड और आलू के लोग ढेर पर गिर गए। मैं भी बोरियों का झुककर गिरने से गिरा, लेकिन गनीमत रही कि मेरे ऊपर कोई पिलर और बोरी नहीं गिरी। मैं उठा और चिल्लाकर बाहर भागा। इसके बाद पीछे मुड़कर देखा तो पूरा कोल्ड स्टोर सूचीबद्ध हो गया था। सभी लोग गड़बड़ में दब गए।”
अब पढ़ें हादसे की नजरें…

ये किसान आलू बन गया था, उसी समय हादसा हो गया। उसने बताया कि हादसे के वक्त करीब 25-30 लोग अंदर काम कर रहे थे।
किसान बोले- लोग आलूनो के बोरियों के बीच से चिल्ला रहे थे
हादसे से चंद मिनट पहले उसी कोल्ड स्टोर में आलू की बोरियां रखने पहुंचे किसानों ने हमें दुर्घटना की नजर बताई। उनकी आंखों में कोल्ड स्टोरेज में दबे हुए लोगों की चिंता और राहत कार्य में देरी से शुरू होने का क्रोध साफ नजर आ रहा था।
उन्होंने बताया, “मेरे घर से कोल्ड स्टोरेज 5 किमी दूर है। सुबह पौने 11 बजे होंगे, मैं कोल्ड स्टोरेज भेजता हूं, वहां काम कर रहे से बातचीत करने लगता है। कोल्ड स्टोरेज के अंदर 30 से ज्यादा लोग थे। कोई किसान ट्रोली में आलू लादे खड़ा था तो कई मजदूर अंदर आलू बोरे को ऊपर की रैक में रख रहे थे। मैं अंदर ही जाने वाला था कि लकड़ियों के गिरने की आवाज आई और धमाके के साथ पूरा कोल्ड स्टोरेज भरभराकर जमींदोज हो गया।”

कोल्ड स्टोरेज में आलू के हजारों बोरियां भरी हुई हैं। बचाव में उन्हें एक-एक करके हटा दिया जा रहा है।
“अंदर बूब्स चिल्ला रहे थे, हम लोग बेबस थे”
किसानों ने आगे बताया, “अपने हाथों से बोर हटाएं शुरू किए। पुलिस को सूचना दी। पुलिस की घोषणाएं तो पहुंचें लेकिन खाली हाथ। काफी देर तक न कोई मशीन मलबा हटाने आई न कोई बड़ी अधिसूचना पर नजर आई। करीब 2 से 3 घंटे तक हम लोग खुद मलबा हटाते रहे। इसके बाद कई थानों की पुलिस और 4-5 जेसीबी पहुंचें। फिर कहीं जाकर मलबा हटाने का काम शुरू हुआ।”
उसी समय, भंडारण में काम करने वाले कुंवरपाल ने बताया, “अंदरूनी लोग चिल्ला रहे थे। हम लोग बेबस थे। बाहर से यही कह रहे थे, मशीन आ रही हैं। वार्षिक घोषणा की जा रही है। इसके बड़े फैसलों पर और पहुंचे। लोगों को समझाने लगे कि सभी को निकाल दिया जाएगा।”
दुर्घटना में मारे गए व्यक्ति के नाम…
1.रोहताश भूरे बेटे
2.राकेश पुत्र चन्द्रपाल
3.इश्तियाक पुत्र रशीद
4. प्रेमवासी कैथल
(6 लोगों की अभी पहचान नहीं हो पाई)
देखिए हादसे की तस्वीरें…


कोल्ड स्टोरेज का छत करीब 100 फीट लंबा बताया जा रहा है। पूरा छत्ता कर आलू के बोरियों पर।

यह महिला कैथल गांव की है। हादसे की खबर सुनकर वह वन्यजीवों तक पहुंच गया। उसने बताया कि उसका पति कोल्ड स्टोर में काम करने आया था। उनका कुछ पता नहीं चल रहा है।

दुर्घटना के बाद कई महिलाएं अपने बच्चों और पति को खोजती हुई स्थलों पर बहती हैं। हालांकि, प्रशासन ने उन्हें दूर रखा, ताकि बचाव में परेशानी न आए।

अंदर दुर्घटना के शिकार लोग थे इसकी सही संख्या का पता नहीं है। छत पर चढ़ने के बाद ज्यादातर लोग आलू के बोरियों के नीचे दब गए।