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- समान नागरिक संहिता, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का वादा किया है, अगर भाजपा सत्ता में बनी रहती है
उत्तराखंड3 पहले
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मामले की जांच कर रहे हैं। माउले पर कर्नाटक हाईकॉर्ट की और से दैए फैसले का विरोध हो रहा है। भविष्य के बीच के पुनश्चर सिंह धामी ने एक सपना कर दिया है। स्थिति ने कहा कि राज्य में व्यवस्था की स्थिति समान होगी।
जाति-धर्म पर भेद नहीं करना
पासपोर्ट के जैसा दिखने वाला नागरिक जैसा संविधान (यूनीफॉर्म सिविल कोड) का संविधान बनने के लिए एक संविधान होगा। जो सभी लोगों के लिए अलग, अलग, भूमि-संपत्ति और वंशानुक्रम के समान बनाए गए। किसी भी निवासी से जाति और धर्म के आधार पर भेद नहीं होगा।
पर्यावरण की रक्षा के लिए यह महत्वपूर्ण है
द धमनी का दावा है कि यह यौन संचार को सुंदर बनाता है। पर्यावरण की रक्षा करने में भी मदद करता है।
कर्नाटक की घटना की बैठक की घटना
राज्य में 14 फरवरी को निर्वाचन के लिए सक्षम हो। ️ देशभर️ देशभर️️️️️️️️️ इस बीच पुष्कर सिंह धामी का दौरा पत्रकार .
समान समस्या निवारण
नियमित रूप से लागू होने के मामले में। समान समाज का मतलब है कि भारत में एक भी धर्म, एक समान व्यक्ति के व्यक्ति के लिए समान होना चाहिए। ये भी किसी भी धर्म या विज्ञान के पर्सलन लॉ से हैं।
सभी धर्मों पर विचार-विमर्श करें
इस क्रिया के लिए अक्षम या अक्षम होना चाहिए, तो वैधानिक रूप से पूरी तरह से लागू होगा। देश में अनेक संपत्तियां, पार्सल के साथ-साथ वैध भी हैं। बताय ने हिंदू सिविल लॉ के दायरे में हिंदुओं को अलेवा सिंग, जैन और बजद आते हैं।