बुरहानपुर4 घंटे पहले
बुरहानपुर में गिरफ्तारियों को खदेड़ने के लिए जंगल में घुसकर पुलिस पर हमला किया गया है। शनिवार सुबह करीब 9.30 बजे वन विभाग, बुलेटिन, एसएएफ (विशेष शस्त्र बल) की टीम जंगल में पहुंचती है, लेकिन दूसरी ओर से दर्जियों ने तीर, गोफन और सड़कों से हमला कर दिया। इसके बाद टीम वहां से जान बचाकर भागी। अक्षरों वालों ने महत्वपूर्ण पर भी पथराव किया है। इससे कई वाहन हर रोज चले जाते हैं। पुलिस टीम के साथ घाघरला के ग्रामीण भी थे। हमलों में 14 वनवासी सहित 15 लोग घायल हुए हैं।
रेखीय ने धारा 144 को उड़ाया
ट्रांसमीटर ने हालात को देखते हुए स्ट्रीम 144 लगाई है। डीएफओ अनुपम शर्मा के नेतृत्व में वन विभाग ने शनिवार को जिले के नेपानगर के घरला के घेरे में कार्रवाई की। जिसमें वन विभाग के 14 कर्मचारी घायल हो गए। एक ग्रामीण को भी जुड़ावकारियों का चलना तीर लगता है। उसे जिला अस्पताल में भर्ती का विवरण है। ग्रामीण को रेडक्रॉस समाज से 20 हजार रुपए की आर्थिक सहायता राशि दी गई है।
बुरहानपुर जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर घासघर में जंगल में स्ट्रेट फिगर हो रही है। यहां के स्कूल में एक-डेढ़ सप्ताह से SAF के 100 हथियारबंद जवान कायम हैं। 200 से अधिक वनकर्मी भी मुस्तैद हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश निहत्थे हैं। घायलों का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सीवल भेजा गया है। स्पॉट पर एसपी राहुल कुमार लोढ़ा भी पहुंचे। जंगल बचाने के लिए पुलिस टीम में शामिल होने का डर है तो एसपी ने समझा दी कि मैंने और फोर्स ने कॉल किया है। आप निश्चिन्त रहें, कार्रवाई की जाएगी।

नावरा रेंज के घाघरला स्थित जंगल में 300 से अधिक रिकॉर्ड दर्ज किए गए हैं। उनमें से पुलिस और वन विभाग की टीम निकालने के लिए पहुंचती है।
जंगल बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं दावों में से एक उमाकांत ने कहा- पूरा गांव कार्रवाई के लिए इंतजार कर रहा है। यदि कार्रवाई नहीं हुई तो किसी भी अधिकारी को गांव से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। सारा गांव के अधिकारियों का घोर अपमान करेगा। चाहे फिर एसपी साहब हों, डीजे साहब हों या फिर फॉरेस्ट के अधिकारी हों।
घाघरला में सरकारी स्कूल के बाहर ग्रामीण
घाघरा में ग्रहण कर रहे हैं। सुबह रिपोर्ट्स पर हमला किया गया। इसके बाद में सामान्यीकृत हूं। एक स्कूल के सामने जाम लोगों ने कहा कि जब तक दस्तावेजों पर कार्रवाई नहीं होती हम अधिकारियों को यहां से जाने नहीं देंगे। स्पॉट पर ग्रांका मित्तल, एसपी राहुल कुमार लोढ़ा, डीओपी अनुपम शर्मा सहित अधिकारी, कर्मचारी और 300 से अधिक का फ़ोर्स रोक है।

घरला में सरकारी स्कूल के बाहर बड़ी संख्या में ग्रामीण जुड़े हैं। वह सूचकांकों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
निमाड़ के 4 अतिसंवेदनशील से टीम संचालित
निमाड़ के 4 संवेदनशील से भारी संख्या में वन आगंतुक की टीम घर पर दबाव डालती है। खंडवा सीसीएफ (चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट) आरसीपी राय ने बताया- पिछली बार मेहमानों को पुलिस, फॉरेस्ट के सहयोग से खदेड़ा गया था। 3 दिन से फिर वह 150 से 300 की संख्या में घूमला के जंगल में आ रहे हैं। पता चला है कि रात में देसी बमों से फायरिंग भी की गई है। इसकी प्रशासन को सूचना दी गई है। सर्किल से 200 से अधिक कर्मचारी एकत्रित किए गए हैं।

एक ग्रामीण की पीठ में तीर द्वारा छोड़ा गया दस्तावेज़कार। उसे ग्रामीण ग्रामीण अस्पताल ले गए।
वनकर्मी चिल्ला रहे हैं, तुम्हारे पास साफ़ करते हैं, फिर क्यों भाग रहे हो
घाघरला के जंगल से जान बचाकर लौट रही टीम का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक वनकर्मी साथी वन भरने वाले और फोर्स को रोककर अपने पास हथियार रखने की आवाज उठा रहा है। दरार है। आगे चलकर. आपके पास है। उनके पास पत्थर और एरो कमांड हैं। हालांकि टीम वहां से वापस गांव लौट आई।

मारपीट में 12 लोग घायल हुए हैं। एक वनकर्मी के हाथ में तीर धंस गया। उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
यह घायल हो गया
- विजय चौरे वनरक्षक रेंज राजपुर, जिला बड़वानी
- धनीलाल मिंगवाल वनरक्षक खकनार, बुरहानपुर
- कमलेश गंगारेकर वनरक्षक, सेंधवा
- दरबार सिंह भम्हणे वनरक्षक, सेंधवा
- धनपाल टेककाम आरक्षक, छिंदवाड़ा
- प्रशांत लवंडे वनरक्षक, बुरहानपुर
- प्रेमलाल भास्कर, अनिल खंडाले, सावन तायड़े, सलमान खान, गौरव सोनी सभी वनरक्षक बुरहानपुर व एक ग्रामीण इस तरह 12 लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आई।

पथराव में वन विभाग और टीम को काफी नुकसान पहुंचता है।
40 से अधिक ग्रामीण भेड़ रहने पहुंचे, रिकॉर्डी भागे
निंबोला नेपानगर के बाद अब निंबोला क्षेत्र में भी डायरेक्टर सक्रिय होते हुए दिख रहे हैं। पहले ग्लैमर-बलड़ी और अब हाइवे से लगे जंगल में लगे हुए हैं। बीती रात ग्राम झिरी से लगे जंगल में 25 से ज्यादा रिकॉर्ड दर्ज किए गए। पूजा की और पेड़ों को काटना शुरू कर दिया। ग्रामीण इसका विरोध करते हुए झुंड में पहुंच गए, जिन्हें देख ग्रामीणों ने जंगल में भाग लिया। ।

पुलिस के साथ ग्रामीण भी रिश्तों को टूटने जंगल पहुंचे, लेकिन पथराव के कारण वापस लौट आए।
अमला पत्थरबाजी से भी घायल हो गया
बुरहानपुर एसडीएम दीपक सिंह चौहान ने बताया कि गोघरला में रिकॉर्डर लोगों पर कार्रवाई की गई है। संकेतकों ने पत्थर, तीर और गोफन से वन विभाग, पुलिस बल और तर्कों पर हमला किया है। एक वनकर्मी, एक ग्रामीण को तीर है। एरो डॉक्टरों ने ऑपरेशन को खारिज कर दिया है। बाकी घायलों को पत्थर लगे हैं। जिला अस्पताल में 6 लोगों को लाया गया है। बाकी कम्युनिटी सेंटर में हैं। सभी की हालत खतरे से बाहर है।

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बुरहानपुर के जंगल में घुसे 200 रिकॉर्ड

बुरहानपुर जिले की नावरा रेंज के जंगल में एक बार फिर से छापेमारी शुरू हुई। सूचना ही मिलते वन विभाग की टीम का अलर्ट हो गया। गुरुवार की रात जंगल में गश्त की गई। निमाड़ के 4 ज़ालिमों की सेना यहाँ स्थापित है। साथ में SAF का बल भी मौजूद है। डीएफओ समेत अन्य अधिकारियों के मोबाइल स्विच ऑफ आ रहे हैं। ड्रोन सेकार की खोज की जा रही है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां www.newslabz.com…