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- सऊदी अरब रमजान दिशानिर्देश; ना लाउडस्पीकर, ना नमाज का प्रसारण | सऊदी इस्लामी मंत्रालय
16 मिनट पहले
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मक्का के पवित्र मस्जिद में काबा के चारों तरफ तवाफ अदा करते जायरीन। (फाइल-फोटो)
दुनिया भर के मुस्लिम रमजान के पवित्र महीने का इंतजार कर रहे हैं। जो 22 मार्च से शुरू होने की उम्मीद है। इसी बीच सऊदी अरब के इस्लामिक मंत्रालय ने एक चौंकाने वाली गाइडलाइन जारी की है। इसमें लाउडस्पीकर के जरिए नमाज पढ़ने और मस्जिदों में इफ्तार करने पर रोक लगा दी है।
इन नई सूचनाओं पर सऊदी अरब को दुनिया भर के मुसलमानों की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। सऊदी अरब के इस्लामिक मंत्रालय ने शुक्रवार को एक डॉक्यूमेंट्री जारी की। जिसमें रमज़ान के पाबंदियों से जुड़े 10 निर्देश जारी किए गए हैं।
तस्वीर सऊदी अरब के इस्लामिक मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए ऑर्डर की है।
नए निर्देशों में क्या लिखा है..
- नमाज के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
- रमज़ान के दौरान दावा करने के लिए चंदा झटकने से रोकता है।
- रमजान के दावे मस्जिद के अंदर नहीं बल्कि बाहरी क्षेत्र में ही दिए गए दृष्टिकोण हैं। इन दावों का सुपरविजन इमाम के हाथों में होगा।
- मस्जिदों में रमज़ान के पूरे महीने मौजूद रहेगा इमामबाड़ा। बहुत ज्यादा जरूरी होने पर ही वो छुट्टी ले सकते हैं।
- इमामों को नमाज़ के समय पर खत्म कर देंगे। ताकि दूसरी नमाजियों को भी उचित समय मिले।
- बच्चों के मस्जिद में नमाज पढ़ने में भी रोड़ा अटका हुआ है।
- एतिकाफ यानी रमज़ान के महिन में खुद को दुनिया से अलग मस्जिद में रखने के लिए मिशन ली जाएगा।

तस्वीर सऊदी अरब के मक्का की है, जहां रमजान के महीने में दुनिया भर से मुसलमान जुड़ रहे हैं।
रोजमर्रा की जिंदगी से इस्लाम का असर कम करने की कोशिश
सऊदी अरब रमजान पर की गई नई गाइडलाइन्स की दुनिया भर में जारी प्रतिक्रया आ रही हैं। इसे रोज़मर्रा की ज़िंदगी में इस्लाम के असर को कम करने के तौर पर देखा जा रहा है।
आलोककों को यह भी महसूस होता है कि ऐसा कर सऊदी अरब के प्रिंस सलमान विदेशियों का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। रमज़ान के दौरान वहां कई तरह के म्यूजिकल और कल्चरल प्रोग्राम तैयार कर लेंगे। सलमान नहीं चाहते की किसी तरह से उन पर कोई असर पड़े।
मंत्रालय के प्रवक्ता ने सफाई दी
इस्लामिक मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल्ला अल-एनेजी ने एक चैनल को दिए गए साक्षात्कार में इन भ्रमों को खारिज कर दिया। एनेजी का कहना है, “मंत्रालय मस्जिदों मे. इफ्तार से नहीं रोक रहा है, बल्कि इसे व्यवस्थित कर रहा है. ताकि एक जिम्मेदार व्यक्ति अपनी स्थिति बनाए रखे. इसकी गोपनीयता और स्वच्छता को बनाए रखने की सुविधा होगी.

तस्वीर सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद सलमान रोलिंग की है।
2030 विज़न के लिए फ़ुटबॉल को बदलते रहे मोहम्मद सलमान बिन
दरअसल, मोहम्मद बिन सलमान तेजी से सऊदी अरब में बदलाव ला रहे हैं। क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद सलमान रोलिंग (एमबीएस) ने विजन-2030 के तहत कई कदम उठाए हैं। विज़न 2030 के तहत सऊदी तेल पर काम को कम करने की कोशिश की जा रही है।
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