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Monday, March 13, 2023
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सर्वोच्च न्यायालय बोला-रक्षा मंत्रालय कानून हाथ में नहीं ले सकता: वन रैंक वन पेंशन पर हमारे विवरणों के खिलाफ दर्ज करें, तुरंत सुनवाई वापस लें

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नई दिल्ली10 घंटे पहले

सुप्रीम कोर्ट ने 25 लाख पूर्व सैनिकों की छंटनी पेंशन का भुगतान चार किश्तों में करने के लिए रक्षा मंत्रालय के नोटिफिकेशन पर टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रक्षा मंत्रालय कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता। रक्षा सचिव 20 जनवरी को जारी की गई सूचनाएं वापस स्वीकार कर लेंगी।

दरअसल SC ने 9 जनवरी को वन रैंक वन पेंशन का कुल छुटने के लिए केंद्र को 15 मार्च तक का समय दे दिया था। लेकिन 20 जनवरी को मंत्रालय ने एक विशेष विज्ञप्ति जारी की कि चार किश्तों का भुगतान किया जाएगा।

इसके बाद इंडियन ईस्ट सोल्जर मूवमेंट (IESM) ने एक याचिका दायर की जिसमें रक्षा मंत्रालय के नोटिफिकेशन को रद्द करने की मांग की गई थी।

रक्षा मंत्रालय ने क्यों चुने किश्तों में भुगतान के तरीके
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक जुलाई 2014 के बाद रिटायर हुए कर्मचारियों में शामिल होने वालों की संख्या 25 लाख पार हो गई है। सरकार पर 8,450 करोड़ रु. का अतिरिक्त भार देखें। संशोधन के बाद पेंशन योजना को जुलाई 2019 से जून 2022 तक एरियर या छुट भी दिया जाएगा। यानी कुल 23,638.07 करोड़ रुपए दिया जाएगा।

अगर सरकार 15 मार्च तक भुगतान नहीं कर पाती है तो छुट राशि पर 9% की दर से ब्याज दिया जाएगा। इसलिए सेंटर ने कोर्ट से इस समय सीमा बढ़ाने के लिए आवेदन दिया था।

सेंटर ने कहा- हम एक किश्त रिलीज कर देंगे
शोक केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उसने पूर्व सैनिकों को ओआरओपी छोड़ के एक किश्त का भुगतान कर दिया है, लेकिन चुपके भुगतान को पूरा करने के लिए कुछ और समय दिया जाना चाहिए। इस पर सीजेआई ने कहा- पहले ओआरओपी छीन के भुगतान पर अपना 20 जनवरी का पत्र वापस लें, फिर हम आपके आवेदन पर और समय के लिए विचार करेंगे।

कोर्ट में क्या दलील दी गई

  • सीजेआई दीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार की ओर से दलील रखते रहे एजी आर वेंकटरमणी से पूछा- आप इसका भुगतान कब करेंगे? अंतिम यह पेंशन है। जब से मामले सामने आए तब से लेकर अब तक 4 लाख पेंशनरों की मौत हो चुकी है।
  • CJI बोले- अटॉर्नी जनरल सोमवार तक एक नोट तैयार करके बताएं कि कितना भुगतान बचा है, उसका तरीका क्या है और प्रायोरिटी क्या होगी। हम चाहते हैं कि इसे श्रेणी में भुगतान करें 75 साल की उम्र पार कर चुके दारोगा को पहले छोड़ दें। इसके बाद विधवाओं को।
  • इस पर एजी आर वेंकटरमणी ने जस्टिस पीएसी नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच से कहा कि 31 मार्च से पहली किश्त जारी की जाएगी।
  • सीनियर एडवोकेट हुजैफा अहमदी ने कहा कि 4 बार आवेदन करने के बाद भी वे और ज्यादा जुड़ना चाहते हैं। यह गलत है। उनके पास बाकी चीजों के लिए पर्याप्त पैसा है लेकिन पेंशनरों को देने के लिए उनके पास पैसा नहीं है।

वन रैंक वन पेंशन क्या है
वन रैंक वन पेंशन (OROP) का मतलब समान रैंक और समान अवधि की सेवा के लिए समान पेंशन है। इसमें संन्यास की तारीख के कोई मायने नहीं रखता। यानी अगर किसी अधिकारी ने 1985 से 2000 तक 15 साल की सशस्त्र सेना में सेवा दी और एक अन्य अधिकारी 1995 से 2010 तक सेवा में रहे, तो दोनों को समानता पेंशन मिलेगी। इससे 25 लाख पूर्व सैनिकों को लाभ होगा।

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