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Saturday, March 18, 2023
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सीएम शिंदे से बातचीत के बाद किसानों का मार्च खत्म: घरों की ओर लौटने लगे, नासिक से मुंबई पैदल जा रहे थे

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मुंबई25 मिनट पहले

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करीब दस हजार किसान 200 किलोमीटर पैदल चलकर अपने लोगो को मनवाने के लिए मुंबई के आजाद मैदान में प्रदर्शन कर रहे थे।

नासिक से मुंबई पैदल मार्च कर रहे किसानों के प्रतिनिधियों के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से बातचीत के दो दिन बाद उन्होंने आंदोलन वापस ले लिया है। भाकपा नेता और पूर्व विधायक जीवा पांडू गवित जो इस मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं उन्होंने कहा कि किसान अब अपने घरों की ओर लौट आए हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने उनकी वरीयता को क्षति पहुंचाई है। बता दें कि करीब दस हजार किसान 200 किलोमीटर पैदल चल रहे हैं, अपने हस्ताक्षर को मनवाने के लिए मुंबई के आज़ाद मैदान में प्रदर्शन करने जा रहे हैं। उनकी मुख्य मांग जमीन पर हक, प्याज पर एमएसपी और कर्जमाफी है। इस मार्च में किसानों के अलावा असंगठित कामगारों, आशा कार्यकर्ता और आदिवासी समुदाय के सदस्य भी शामिल थे।

सीएम शिंदे बोले- प्याज के बड़े चश्मे से स्थिति बिगड़ेगी
सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र में प्याज का बहुत ज्यादा मामला हुआ, फिर उसकी कीमत बहुत कम होने के कारण किसान परेशान हो गए। किसान सोयाबीन, कप‍िश और अरहर की सांकेतिक गिरावट को रोकने के लिए कदम उठाना और बेमौसम बारिश से खराब हुई फसल के बाद राहत देने की भी मांग कर रहे थे। मार्च में शामिल लोग 2005 के बाद सेवा में शामिल हुए राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने की भी मांग कर रहे थे।

किसानों से उनकी 14 सांकेतिक भाषा में बातचीत हुई
एकनाथ शिंदे ने कहा कि वे किसानों के प्रतिनिधियों से वन अधिकारों, वन भूमि के लिए पंजीकृत, मंदिर ट्रस्टों और चराई के मैदानों की भूमि को खेती के लिए किसानों को रोमांच करने समेत 14 विकल्पों पर बातचीत की है।

रिपोर्ट के अनुसार सीएम शिंदे ने किसानों से अपना लंबा मार्च वापस लेने की अपील करते हुए कहा कि लिए गए दस्तावेज़ को तुरंत लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्याज की कमान और बेमौसम बारिश से हुए नुकसान के कारण प्रभावित प्याज को 350 रुपये प्रति क्विंटल के लिए भुगतान किया जाएगा।

इन अल्पज्ञात को लेकर मार्च पर निकले किसान थे…

नासिक में इस तरह का तीसरा आंदोलन था
नासिक में इस तरह का यह तीसरा आंदोलन था। इससे पहले 2018 और 2019 में भी किसान पैदल मार्च निकाल चुके हैं। दोनों ही बार सरकार ने मांग की पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होने के कारण आंदोलन को रोक दिया था। अजमेर शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को मंत्रालय में बातचीत के लिए किसानों की अगुआई करने वालों को बातचीत के लिए बुलाया था, लेकिन इसे लेकर किसान पैदल मार्च के लिए दिए गए थे।

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512 किलो प्याज के लिए किसानों को मिले ₹2:₹1 किलो के भाव से घटित हुई कटौती, भुगतान काटने के बाद बचे ₹2

महाराष्ट्र में सोलापुर जिले का एक किसान 70 किमी दूर प्याज़ बेच गया था, लेकिन उसका 512 किलो प्याज़ सिर्फ़ 1 रुपए प्रति किलो के लिए सुझाया गया। इस तरह किसानों को अपनी कमाई के लिए 512 रुपये मिले, जिससे परिणाम को बाजार तक पहुंचने का ब्रेकडाउन के बाद उन्हें 2 रुपये का चेक दिया गया। व्यापारिक का कहना है कि किसानों के प्याज की गुणवत्ता खराब है। …/www.bhaskar.com/national/news/maharashtra-farmers-protest-kisan-sabha-aiks-vs-eknath-shinde-govt-131041640.html?ref=inbound_article” target=”_blank” rel=” noopener noreferrer”>पूरी खबर पढ़ेंट्रोंग>

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