नई दिल्ली14 मिनट पहले
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पूर्वी संकेत में पिछले तीन साल से भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर टकराव जारी है। इस बीच सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर बहुत तेजी से झटके का निर्माण कर रहा है। वहां बड़ी संख्या में सैनिकों को रखा गया है। हम यह कह सकते हैं कि एलएसी पर स्थिति स्थिर बनी हुई है, लेकिन अब भी नजर रखने की जरूरत है। यह बात उन्होंने एक कार्यक्रम में कही है।
चीन ने 50,000 सैनिकों और हैवी वेपंस की फिर से शुरुआत की है
उन्होंने कहा कि चीन ने अप्रैल-मई 2020 में पूर्वी ईमेल से कई बार टाइपिंग की कोशिश की। जब से ही पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने लगभग 50,000 सैनिकों और हैवी वेपंस की फिर से शुरुआत की है।
हालांकि भारतीय सेना की 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी के सभी तीन क्षेत्रों में मजबूत चेतावनी और निगरानी है, जो पूर्वी संकेत से अरुणाचल प्रदेश तक है। किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए हम हमेशा तैयार हैं। नई तकनीक और वेपंस सिस्टम के साथ हमारी क्षमता का दृष्टिकोण और प्रयास लगातार जारी है। हम खासतौर पर रोड, हेलीपैड जैसे पहलुओं में झलक के पहलुओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

सेना प्रमुख ने कहा कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हमारे युवा निरंकुश हैं।
मुद्दों को सुलझाते हुए चीन के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं
सेना प्रमुख ने कहा कि हम पूर्वी संकेतक में रहस्यमय मुद्दों को समझने के लिए चीन के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं। जब तक समाधान नहीं हो पाता, सैनिकों की राय और उच्च स्तर पर बनी रहती है। उन्होंने कहा कि चीन के साथ मित्र मित्र और सैन्य वार्ता से पूर्वी प्रतिक्रिया में रणनीतिक रूप से स्थित डेपसांग मैदानों और डेमचोक में शेष टकराव वाले बिंदुओं का समाधान हो जाएगा।
पाकिस्तान के हथियार-ड्रैग्स के गिरने से होने वाली घटनाएं
पाकिस्तानी घुसपैठ पर जनरल पांडे ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमाएं पार करने और हथियार-ड्रैग गिराने के लिए ड्रोन के इस्तेमाल की घटनाएं बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं। हालांकि 778 किलोमीटर लंबी कंट्रोल लाइन पर घुसपैठ रोकने के लिए सेना के साथ घबराहट हो रही है। लेकिन पाकिस्तान के मौजूदा हिस्से लैंगिक संबंधों में कोई बड़ी कमी नहीं है।
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सेना ने चीन की सीमा पर गतिविधि का दायरा, गालवान में घोड़ों के साथ पेट्रोलिंग कर रहे हैं

भारतीय सेना ने सीमा पर वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर निगरानी बढ़ा दी है। समाचार एजेंसी के अनुसार संदेश में सेवा प्रदान करने वाली जवान गालवान घाटी और आस पास के क्षेत्रों में घोड़ों से पेट्रोलिंग कर रहे हैं। सामान ढोने के लिए खच्चरों को भी इन क्षेत्रों में भेजा जा रहा है। पूरी खबर यहां पढ़ें…
एलएसी पर हालात स्थिर, लेकिन कभी भी बदल सकते हैं सेना प्रमुख बोले- चीन के साथ 7 गंभीर मसलों में से 5 का हल निकला

भारतीय सेना के प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा था कि चीन के देश की उत्तरी सीमाएँ अप्रत्याशित हैं, लेकिन अप्रत्याशित हैं। यहां स्थिति कभी भी बदल सकती हैं। उन्होंने कहा था कि हमें सात बेहद गंभीर मुद्दों में से पांच को हल करने में कामयाबी मिली है। सैन्य और राजनयिक दोनों स्तरों पर बातचीत भी जारी है। पूरी खबर यहां पढ़ें…