नई दिल्ली4 मिनट पहले
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आरएसएसी पार्टी और चुनाव चिह्न के मामले में सीजेआई दीक्षा चंद्रचूड़ के अध्यक्ष संविधान पीठ ने गुरुवार को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा। मामले में 5 जजों की बेंच के सामने विधायक ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट ने 9 दिन तक अपनी दलील दी।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल का विश्वास मत बुलाने का फैसला गलत था। लेकिन ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफा दे दिया था इसलिए हम उनकी सरकार को बहाल नहीं कर सकते।
कोर्ट ने कहा- फ्लोर टेस्ट दिया गया तो बात अलग होती
ठाकरे की बीजेपी का पक्ष बने रहे अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से ब्लूटूथ सरकार को बहाल करने की मांग की थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एयरलाइंस ने फ्लोर टेस्ट में शामिल होने से पहले ही इस्तीफ़ा दे दिया था। इसका मतलब है कि वे खुद ही हार मान लेते हैं।
सीजेआई ने कहा कि अगर रेडियो ग्रुप फ्लोर टेस्ट में शामिल होता है तो गवर्नर के फैसले को असंवैधानिक पाए जाने पर हम कुछ कर सकते थे। तब हम फ्लोर टेस्ट को गलत कह सकते थे। अब अगर हम आपकी सरकार को बहाल कर दें तो संवैधानिक परेशानियां पैदा हो सकती हैं।

फरवरी में चुनाव आयोग ने बीजेपी नाम और एरो-धनुष का चुनाव चिन्ह शिंदे गुट को दे दिया था।
कोर्ट मे गीत ब्रोड की दलीलें-
- कपिल सिब्बल (उद्धव गुट के वकील): राज्यपाल सभी सदस्य-गठबंधनों के बीच के मुद्दे देख सकते हैं। वे किसी गुट को बहुमत के लिए नहीं बुला सकते।
- CJI: अगर कोई समूह समर्थन वापसी का दावा करे तो क्या राज्यपाल सदन की संख्या बल की स्थिति के लिए उल्लंघन के लिए नहीं कह सकते?
- सिंबल: नहीं, 10वें शेड्यूल के बाद ऐसा नहीं कर सकते। मेरा कहना है कि वे किसी गुट के आधार पर विश्वास मत मांग नहीं सकते थे।
- जस्टिस नरसिम्हा: आपका यह तर्क कभी-कभी खतरनाक भी हो सकता है। पार्टी में अक्सर एक नेता की चलती है। उसके अलावा किसी को कोई आजादी नहीं। कई बार पार्टी को एक ही परिवार चलाता है।
- सिंबल: मैं अपनी शिकायत रख रहा हूं। समस्या यह है कि हम उलटे युग में जा रहे हैं।
- CJI: आपके अनुसार राज्यपाल उसी स्थिति में फ्लोर टेस्ट बुला सकते हैं, जब कोई दल बदल जाता है।
- सिंबल: बिल्कुल।
- CJI: मान कॉर्पोरेट सरकार के कम विधायक कहते हैं कि हमारी सरकार पर कोई गारंटी नहीं है। आपके तर्क से, राज्यपाल विश्वास नहीं बुला सकते?
- सिब्बल: राज्यपाल अनुमान नहीं लगा सकता कि सरकार अल्पमत में है। वे वक्ता के कार्यों पर नहीं कर सकते। वे शिंदे को नहीं कह सकते कि आप मुख्यमंत्री बने हैं। कोर्ट उनका ऑर्डर रद्द करे।
- CJI: आप चाहते हैं कि हम सरकार को वापस से बहाल कर दें? लेकिन आपने इस्तीफा दे दिया।
- अभिषेक मनु सिंघवी (उद्धव गुट के वकील): रेडियो सरकार का इस्तीफ़ा अप्रासंगिक है।
- जस्टिस शाह: कोर्ट उस सीएम को कैसे बहाल कर सकता है, जिसने फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं किया?
- सिंघवी: आप किसी को बहाल नहीं कर रहे हैं। आपकी यथास्थिति बहाल कर रहे हैं।
- CJI: नहीं, ऐसा करना तब तारीक बात होगी, जब आपने फ्लोर टेस्ट में गारंटी खो दी हो।
- सिंघवी- राज्यपाल ने अवैध तरीके से फ्लोर टेस्ट बुलाया था। उनके गलत कार्य को इलेक्शन ऑफर की जा सकती है।

पिछले साल जून में एकनाथ शिंदे स्वयं नौकरी करने वालों को लेकर असम चले गए थे।
पिछले जून में फ़ोरियर गवर्नमेंट फ़ायरली थी
दरअसल, महाराष्ट्र में पिछले साल जून में बीजेपी के 35 लोगों ने बगावती कर दी थी। इसके चलते उड़ान सरकार संकट में आ गई थी। राज्यपाल ने ठाकरे से बहुमत साबित करने के लिए कहा था जिसके बाद वॉयर ने इस्तीफ़ा दे दिया था। तब एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ सरकार बनाई थी।
उडौर ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। ठाकरे गुट ने कहां शिंदे गुट का बिगावत और उनके द्वारा सरकार के गठन को गलत बताया। वहीं, शिंदे गुट ने कहा कि विधायक दल टूट के बाद राज्यपाल ने फ्लोर टेस्ट का आदेश देकर सही किया। मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है।
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