निष्क्रिय8 घंटे पहले
हिमाचल प्रदेश में 12 मार्च से जलविद्युत पर पानी की धाराएं लागू कर दी गई हैं। इससे सरकार को हर साल एक हजार करोड़ रुपये की कमाई होने की उम्मीद है। सरकार अब इन हाईडल दस्तावेजों से प्रति घनामीटर 0.10 पैसे से 0.50 पैसे प्रति घनमीटर के होश से पानी वसूलेगी।
इस से अधिकार करने के लिए एक आयोग बनाया जाएगा। इसमें अध्यक्ष सहित कुल 4 सदस्य होंगे। आयोग के सदस्य यह जंपिंग, लीगल और अनुभव के आधार पर नियुक्तियां करेंगे।
विशेष रूप से आर्थिक तंगी से जूझ रही हिमाचल सरकार ने राजस्व बढ़ाने के उपायों पर काम शुरू कर दिया है। इसी मकसद से पानी से बिजली बनाने वाले जलविद्युत पर पानी से रुकने का फैसला लिया है। इसके लिए राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश जल विद्युत जल विद्युत उत्पादन पर 2023 बनाया है जो 14 मार्च से शुरू होने वाले बजट सेशन में पेश किया जाएगा।
पड़ोसी राज्य उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में चल रहे जलप्रपात पर पानी से पहले लागू है। इन दोनों राज्यों के राज्यों के राजस्व पर चिंता के लिए हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने यहां भी पानी पर लगाम लगाने का फैसला लिया है।
ब्लूप्रिंट 1000 करोड़ की कमाई
हिमाचल प्रदेश में छोटे-बड़े चिह्न 175 हाइडल रोस हैं। इन सभी पर पानी से लगाने से सरकार के नक्शे में हर साल करीब 1000 करोड़ रुपए जमा होंगे। सरकार पानी से लगाने के लिए पहले ही एक स्टैक ला चुकी है। अब विधानसभा सत्र के बजट में बिल लाकर इसका कानून बनाया जाएगा।
इस तरह से होगा पानी से (रुपए में)
1. 30 मीटर तक हेड की पनबिजली परियोजना 0.10 प्रति घन मीटर
2य. 30 से 60 मीटर तक हेड की पैनबिजली परियोजना 0.25 प्रति घन मीटर
3. 60 से 90 मीटर तक हेड की पैनबिजली प्रोजेक्ट 0.35 प्रति घन मीटर
4. 90 मीटर से अधिक हेड की पैनबिजली परियोजना 0.50 प्रति घन मीटर