अमृतसर4 घंटे पहले
पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू 1 अप्रैल को रिलीज हो सकते हैं। पूरी सजा के दौरान कोई छुट्टी न लेने का नवजोत सिंह सिद्धू को बेनिफिट मिल सकता है। इससे पहले 26 जनवरी 2023 को उनके रिहा होने की स्थिति जगी थी, लेकिन कैबिनेट को अतिसंवेदनशील फाइल में उनके नाम ना होने की वजह से उनकी रिहाई संभव ही नहीं हो पाई थी।
सिद्धू 20 मई 2022 को जेल गए थे, लेकिन उनकी रिलीज के लिए 19 मई 2023 तक इंतजार नहीं करना होगा। दरअसल, उन्होंने पूरे साल में अपनी सजा के दौरान कोई छुट्टी नहीं ली। जिसके चलते अन्य सरकारी छुटि्टयों को काट दिया जाएगा तो रिपोर्ट है कि वह 1 अप्रैल को बाहर आ सकते हैं, लेकिन कांग्रेस 26 जनवरी की तरह तैयारियों का शोर नहीं मचाना चाहती।

कारावास को मिलता है सामान्य छूट का लाभ
एनडीपीएस और संघवादी जुर्मों के अनुसार एक महीने के अलावा कार्य की प्रगति और कैद के आचरण के आधार पर 4 से 5 दिनों की छूट दी जाती है। इसके अलावा कुछ सरकारी अपराधियों का लाभ भी कैदी को मिलता है। वहीं नवजोत सिंह सिद्धू ने पूरी सजा के दौरान एक बार भी छुट्टी नहीं ली। यानी कि सिद्धू इस छूट के बाद 1 अप्रैल को बाहर आ सकते हैं।
26 जनवरी को कांग्रेसी पहुंचे जेल से बाहर थे
अटैचमेंट है कि दिसंबर 2022 से ही नवजोत सिंह सिद्धू की रिलीज से जुड़ने शुरू हो गया था। पंजाब कांग्रेस का एक बड़ा भ्रम सिद्धू के स्वागत के लिए तैयार लोगों में भी जुड़ गया। सभी को आसियान था कि 26 जनवरी 2023 को नवजोत सिंह सिद्धू जारी हो जाएंगे। 26 जनवरी की सुबह से ही समर्थक जेल पहुंचे, लेकिन सिद्धू बाहर नहीं आए।
कैबिनेट में प्रस्ताव ही नहीं रखा गया
जेल प्रशासन की ओर से 56 लोगों की फाइल बनाई गई थी, जिनमें अच्छे आचरण के चलते गणतंत्र दिवस के दिन जेल से रिहा होना था, लेकिन गणतंत्र दिवस से पहली कैबिनेट बैठक में इसे ही नहीं रखा गया था। न यह प्रस्ताव कैबिनेट पास हुआ और न ही यह पंजाब के राज्यपाल के हस्ताक्षर होने के लिए पास हुआ। कुछ का कहना था कि लिस्ट में नवजोत सिंह सिद्धू का नाम ही नहीं था।
सिद्धू के समर्थन में आए थे किंग विंग व एमपी तिवाड़ी
कांग्रेस के पंजाब प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और सांसद मनीष तिवारी ने नवजोत सिंह सिद्धू का नाम जारी किए जाने की लिस्ट में ना होने पर आम आदमी की सरकार को कोसा था। कांग्रेस के वे नेता भी आम आदमी पार्टी के लिए दिखते हैं, हर दिन नवजोत सिंह सिद्धू के साथ कम होते जा रहे हैं।