21 मिनट पहलेलेखक: आशीष उरमलिया
यूपी की राजधानी लखनऊ से 40 किलोमीटर दूर मलिहाबाद में अब्दुल्ला नर्सरी है। इसमें एक ऐसा आम पेड़ है, जिसमें एक साथ 300 से अधिक निर्धारित के आम विवरण हैं। हर दुर्घटना का टेस्ट अलग होता है। पत्ते भी अलग हैं। आम के खास पेड़ 83 साल के हाजी कलीमुल्लाह खान ने तैयार किया है। इस कार्नामे के लिए उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया।
कलीमुल्लाह दावा करते हैं कि ये आम पेड़ रोग दूर करने में भी सक्षम हैं। 5 एकड़ में अपनी फैक्ट्री में कलीमुल्लाह पेड़-पौधों पर भी खोज करते हैं। 7वें शोधकर्ता का नया दावा है कि उन्होंने एक ऐसा केले का पेड़ विकसित किया है, जो सामान्य पेड़ से लदान गुना बड़ा है। इसका फल भी चुकाना होगा। उन्होंने कहा, “ये पेड़ विकसित करने का फॉर्मूला पीएम नरेंद्र मोदी को दे देंगे।”
हम मैंगो मैन की नर्सरी में लगे उसी आम के खास पेड़ को देखने पहुंचे। पूरी फ्रेंड को देखा। कलीमुल्लाह खान से बात की।
- चलो, और ईरान जैसे देशों में सम्मानित हो चुके कलीमुल्लाह और उनकी संतान की पूरी कहानी जानते हैं।

यही वो 30 फीट ऊंचा आम का पेड़ है, जिसमें 300 असफल के आम फलते हैं। इसकी बहुत सी डाली जमीन से सटी हुई है और दूर-दूर तक फैल गई है।
1957 में 7 दुर्घटनाग्रस्त आम पेड़ तैयार कर दिया
7वीं कक्षा में फेल होने के बाद कलीमुल्लाह अपने पिता के साथ नर्सरी में जाने लगे। साल 1957 में उन्होंने 7 पहचान के आम पेड़ तैयार कर दिए थे। लेकिन 1960 में वह बाढ़ में डूब गईं। हाजी साहब ने उस पेड़ को बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन बचा नहीं पाए। घर में गरीब था। कॉलेज में पानी के साथ कलीमुल्लाह अपनी गुजर-बसर के लिए काम करने लगे। हुई इनकी शादी, हुए बच्चे, 9 साल छप्पर में रहे। इसी तरह 27 साल के आंकड़े गए, लेकिन कलीमुल्लाह का चश्मा से प्यार कम नहीं हुआ।
दोस्त ने कर्ज में डूबा दिया, फिर ऐतिहासिक पेड़ तैयार हो गए
साल 1987 में कलीमुल्ला के एक करीबी दोस्त ने उन पर 5 एकड़ ज़मीन का क़र्ज़ दे दिया। दोस्त भोपल भाई गए और यहां कलीम साहब ने ‘अब्दुल्लाह नर्सरी’ की शुरुआत कर दी। फ्रेन्जर में आम की 13 खास बातों को विकसित किया गया। साथ ही उन्होंने एक ऐसा पेड़ तैयार किया, जो 300 से ज्यादा लोगों को अकेले ही देता है। इस पेड़ को तैयार करने में उन्हें 18 साल से ज्यादा नींद आती है। हालांकि वो इस पेड़ में और भी समझ बढ़ाने के काम कर रहे हैं।

तस्वीर में आप देख सकते हैं कि पेड़ों के पत्ते का रंग अलग-अलग है। इसी तरह फल होते हैं।
कलीम कहते हैं, “साल 1991 में ये पेड़ आम की 33 पठन-पाठन करता था। अभी तक मिलने के साथ ही हम इसमें लगातार देखे हुए। हमने इस पेड़ को ग्राफ्टिंग के जरिए तैयार किया है। इसमें पेड़ की साख पर वी शेप का चीरा लग जाता है जिससे आम की एक नई गलती को जोड़ दिया जाता है। अब पेड़ विकराल रूप ले चुका है, मेरे दिल के बेहद करीब है। दुनिया भर में इसकी चर्चा है, लोग देखते आ रहे हैं। इसकी आम आपूर्ति विदेशों तक होती है। ये आम मेरी तरफ से दुनिया के लिए तोहफा है।”
मोदी, योगी और ऐश्वर्य सहित 13 चक्कर के नाम पर देखें
कलीम आगे कहते हैं, “इस खास आम के पेड़ के साथ हमने खुद के 13 देखे तैयार की हैं, जो अपने आप में बेहद खास हैं। इन सटीक देश की बड़ी छाया का नाम दिया गया है। मैंने अपनी पहली दुर्घटना को ऐश्वर्या का नाम दिया था। क्योंकि उन दिनों ऐश्वर्य राय मिस वर्ल्ड बनी थीं। ये दुनिया की सबसे खूबसूरत महिला हैं। दूसरे पति को नरेंद्र मोदी का नाम दिया गया। इसका नमो नाम दिया गया है।”

तस्वीर में कलीमुल्लाह खान सीएम योगी को राजा आम दिखा रहे हैं।
“इसके बाद हम देश के राष्ट्रपति रहे अब्दुल कलाम साहब के नाम से एक माफ़ी की तरह तैयार। इसी तरह हमने क्रिकेटर टाइप, अभिनेता अमिताभ बच्चन, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, भरा सिंह यादव, अखिलेश यादव, अमित शाह के नाम पर देखा। की हैं। इसके साथ ही हमने कोरोना वॉरियर्स और दिल्ली की निर्भया का नाम भी आम की खास घोषणा को दिया है। ये सभी अवलोकन में अधिक सुंदर और स्वादिष्ट हैं।”
पद्मश्री, पंडित पंडित सहित 500 से ज्यादा मिल गए हैं
वर्ष 2008 में विशेष वृक्षारोपण के लिए कलीमुल्ला खान को पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उसी साल उन्हें पंडित पंडित अवॉर्ड से भी नवाजा गया था। कलीम साहब का नाम एशिया के 100 जूतों में भी आता है। यूएई और ईरान जैसे देश भी कलीम साहब को अपने देश में सम्मानित कर चुके हैं। साल 2002 में दुबई में 10 तोले के सोने का बिस्किट भी सब्सक्राइबर की रखा गया था।

कलीम साहब को कुछ बड़े आँकड़े की तस्वीर मिली।
पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल, पूर्व मुख्यमंत्री मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी, यूपी के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, अखिलेश यादव, योगी आदित्यनाथ सहित सैकड़ों हस्तियां कलीम साहब को सम्मानित भी कर चुके हैं। पीएचडी हाउस, नई दिल्ली इन्हें पीएचडी की डिग्री से भी सम्मानित किया गया है। कलीम साहब को दुनिया भर से करीब 500 से ज्यादा सब्सक्राइबर्स मिल गए हैं।
जापान और ओमान जैसे देश मीडिया और रिसर्चर से दिखाई देते हैं
कलीम आगे कहते हैं, मेरी संतान में देश की तमाम बड़ी-बड़ी हस्तियां रहती हैं। लेफ्टिनेंट जनरल हो या बड़ी-बड़ी अदालतों के जज सभी यहां खास आम के पेड़ों को देखते हैं। जापान और ओमान के देशों के लोग भी यहां आ रहे हैं। अभी ओमान से कुछ लोग आए थे। 8 दिन तक अवलोकन रुके। वृक्ष पर अनुसंधान। मुझे अपने देश आने का न्योता दिया। इसी तरह अभी कुछ दिन पहले जापान से भी लोग यहां आए थे। पेड़ों के श्लेष और मेरी बातें रिकॉर्ड करके लिए गए हैं।

कलीम खान ने एक ऐसा आम पेड़ भी तैयार किया है जिसके फल में एक के ऊपर एक 2 छिलके होते हैं। 2 गुठलियां अंदर, 2 रंग, 2 तरह का स्वाद होता है।
1930 में आम के 1300 देखे गए, फिर कम हुए
कलीम आगे कहते हैं, “हमारा मलिहाबाद आम दिनों के लिए दुनिया भर में मशहूर है। साल 1919 में यहां 1300 अज्ञात के आम पाए गए। समय के साथ ये सबसे कम हुए। अब यूपी में बमुश्किल 4 से 5 के बारे में कुछ बातें सामने आ रही हैं। हम अपने खास आम के पेड़ में ज्यादा से ज्यादा खास निशानों को जोड़ने के काम में लगे हैं। आज भी यूपी के आम कनेक्शन में देश में नंबर वन है। यहां का मालदाहा दुनिया भर में प्रसिद्ध है।”

कलीम खान ने एक खास अमरूद का पेड़ भी तैयार किया है। इसके अमरूद बेहद खूबसूरत और पूरे लाल रंग के होते हैं। इसे ऐश्वर्य राय का नाम दिया गया है।
केले का फॉर्मूला अपने बादशाह मोदी या योगी को बताएं
कलीम ने कहा, “देश की आबादी लगातार बढ़ती जा रही है। जमीन कम हो रही है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक केले का एक विशेष दुर्भाग्य डेवलप की है। ये पेड़ सामान्य केले से डेढ़ गुना बड़ा होगा। उसका फल भी लदान गुना बड़ा होगा। इसकी उत्पादन क्षमता भी ज्यादा होगी।” इस पेड़ का फ़ॉर्मूला पर कलीम ने कहा, “इसका फ़ॉर्मूला में अपने बादशाह नरेंद्र मोदी या सीएम योगी आदित्यनाथ को बताएं। मरने से पहले ये फॉर्मूला देश के नाम करके जाउंगा।
फाइनल में हाजी कलीमुल्लाह खान की पद्मश्री पुरस्कार के साथ ताजा तस्वीर…

कलीम साहब कहते हैं कि वो रेगिस्तान में भी आम उग सकते हैं।
आम से जुड़े कुछ फैक्ट्स
- भारत दुनिया में आम के सबसे बड़े उत्पादक हैं।
- भारत दुनिया भर में 10 दुर्घटना के शिकार होने का आरोप लगा रहा है।
- भारत को असफल होने के दावे से 27.83 मिलियन अमेरिकी डॉलर की कमाई हुई है।
- आज भारत में करीब 1,000 अज्ञात के आम हैं।
- मालदाहा, अल्फंसो, केसर, तोतापुरी और बंगनपल्ली से प्रमुख लगे हुए हैं।
- भारत में उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा आम उत्पादक क्षेत्र है।
- यहां से दस हजार टन आम तौर पर दिखता है।
- कृषि और प्रसंस्कृत छद्म उत्पाद प्राधिकरण यानी APEDA के अनुसार, यूपी में 2019-20 में संभावित टन विकास का 49,658 उत्पादन हुआ।
- ये प्रोडक्शन देश भर में लगभग 1,000 अनजान है।
आप ये खबरें भी पढ़ सकते हैं…
- केवीएस परीक्षा में कंप्यूटर स्क्रीन शेयरिंग हाईटेक लिखावट हुई है

यूपी-एसटीएफ ने सेंट्रल स्कूल की टीचर पात्रता परीक्षा में सेंधमारी करने वाले सॉल्वर गैंग का पर्दाफाश किया है। 25 फरवरी को गिरोह के सरगना समेत 21 लोग पकड़े गए। इसमें 2 महिलाएं भी थीं। ये कंप्यूटर हैकिंग का सहारा लेकर वाराणसी और प्रयागराज में नकल कर रहे थे। सॉल्वर गैंग का सरगना अलीगढ़ का चित्ररंजन शर्मा निकला। वह हरियाणा से शिकायत के साथ पूरे गेम को कंट्रोल कर रहा था।
उत्तर प्रदेश में पिछले 8 महीनों में बड़ी परीक्षाओं में हैकिंग के माध्यम से अभ्यावेदन के 10 से अधिक बड़े मामले सामने आए हैं। सभी सॉल्वर गैंग ने हाई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर अलग-अलग तरीकों से नकल करवाई। इसमें एटीएम कार्ड दिखने वाले ब्लूटूथ डिवाइस से इल्जाम पास किया गया। कभी चिप को निजी हिस्से में छिपाते हैं तो कभी-कभी स्थानीय एरिया नेटवर्क यानी LAN को हैक करके परीक्षाएं दे देते हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें…
- उमेश पाल हत्याकांड के बमबाज गुड्डू मुस्लिम की कहानी

राजू पाल हत्याकांड के एकमात्र प्रत्यक्षदर्शी उमेश पाल की सरेआम हत्या कर दी गई। ये हत्या 24 फरवरी को हुई। जीटी रोड पर उमेश पाल की गाड़ी रुकते ही करीब 13 हमलावरों ने अचानक गोलियां दागनी शुरू कर दीं। इसी बीच एक हमलावर ने वहां इतने बड़े बम गिराए कि सब धूम्रपान-धुआं हो गए। उसके बम मारने का तरीका देखने वाले लोग में आ गए। पूरा बाजार बंद हो गया। अलग ही स्टाइल में बम वाले पार्टनर का नाम था- गुड्डू मुस्लिम।
उमेश पाल हत्याकांड के बाद सोशल मीडिया गुड्डू मुस्लिम का नाम दिया गया। दरअसल, पति की हत्या के बाद उमेश की पत्नी जया ने अतीक अहमद और उनके पूरे परिवार समेत गुड्डू मुस्लिम के नाम पर भी केस दर्ज किया था। एफआईआर के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले। पता चला कि हमलों में बम चलाने वाला गुडू मुस्लिम था। वही गुड्डू मुस्लिम जो कभी डॉन श्री प्रकाश शुक्ला की परछाई हुई थी। नाम और सीसीटीवी फुटेज सामने आते ही उनका बम मारने का तरीका सोशल मीडिया पर ब्रिकेट हुआ। पूरी खबर यहां पढ़ें…
- जहां प्रह्लाद को लेकर जली होलिका…वहां की कहानी

आज होलिका दहन का पर्व है। आज ही के दिन हिरण्यकश्यप की बहन होलिका ने क्षमा प्रह्लाद को जलाकर गिराना चाहा। लेकिन वह स्वयं ही जल गया और भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद बच गए। ये कहानी आसान है, लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि ये घटना घटी कहां, वो जगह भारत में कहां मौजूद है?
यूपी के झांसी जिले से 80 किलोमीटर दूर एरच कस्बा है। मान्यता है कि समझौते वो स्थान है, जहां होलिका प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर जलती चिता में बैठ गई थी। एरच को प्रह्लाद नगरी के नाम से जाना जाता है। यहां होली पर प्रहलाद के साथ मां होलिका की भी जय बोली जाती है। ऐसी मान्यता है कि जो होली पर यहां आकर होलिका कुंड में अपनी नाक रांता है, उसका मनोकामना पूरी तरह से हो जाता है।
भास्कर की टीम लखनऊ से 400 किलोमीटर की यात्रा कर इस जगह पर पहुंचती है। उस अग्निकुंड के दर्शन किए गए, जो होलिका दहन का पहला माना जाता है। यहां के उच्च पुजारी से बात कर प्रह्लाद नगरी से जुड़ी मान्यता भी मानी जाती है। पूरी खबर यहां पढ़ें…