रायपुर5 घंटे पहलेलेखक: मनीष व्यास
पकना नोटों के असली बताकर ठगी करने के कई मामले आपने पढ़े होंगे, लेकिन क्या असली नोटों को पकना बताकर ठगी के बारे में सुना है? राजस्थान का 10वीं फेल एक ऐसा शख्स जो अलग-अलग स्टुगी का अंजाम दे रहा था। सबसे पहले वो मैसेज पढ़िए, जिससे यह पूरा गेम सामने आया…
‘हूबहू ओरिजिनल जैसे उच्च गुणवत्ता के भारतीय पकना नोट चाहिए तो 9834460759 नंबर पर कॉल या वाट्सऐप करें। 3 लाख रुपए तक का सौदा तुरंत पूरी की जाएगी। डील कन्फर्म होने के बाद पकना नोट की होम आफिस दी जाएगी’
@fake__currency_indian नाम के अकाउंट अकाउंट से किए गए इस पोस्ट ने पुलिस से लेकर सभी मंत्रालयों में लिखे अधिकारियों को हैरान कर दिया। पोस्ट के साथ कुछ वीडियो भी अपलोड किए गए, उच्च गुणवत्ता के पक्के नोट दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र और जवाबदेही तक दावा किया जा रहा था।
ये पोस्ट और वीडियो देखने के बाद 11 फरवरी 2023 को इंडियन कॉइन एंड एससी डिवीजन के डिप्टी सेक्रेटरी ने दिल्ली पुलिस को कार्रवाई के लिए शिकायत भेजी। अनियमित मंत्रालय की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने स्पेशल सेल पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कर मामले में निवेश शुरू की। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने डिकॉय ऑपरेशन चलाया। एक महीने की कोशिश के बाद पकना नोटों के मास्टर माइंड जालोरवासी 22 साल का मूलाराम पुत्र गोवर्धन राम को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस की जांच में पकना नोटों के कारोबार से जुड़े कई खुलासे हुए।
पढ़िए पूरी रिपोर्ट…
इंस्टाग्राम पर अपलोड कर रहे थे कई वीडियो
वीडियो 1 : लोगों को बताया गया है- पूरे देश से मिल रहे नंबर
एक शख्स बता रहा था कि आज ही पकना उसे नोटों के तीन ऑर्डर मिले हैं। सभी के पार्सल तैयार कर दिए गए हैं। सूरत के लिए 100 रुपए के नोट का 45 हजार का ऑर्डर है। दिल्ली के लिए 30 हजार रुपए का ऑर्डर है और 50 हजार रुपए का ऑर्डर हिसार का है। सभी को अलग-अलग 100, 200 और 500 रुपए के नोटों की नाराजगी कल रात तक कुरियर से मिल जाएगी। वीडियो में दिख रहा शख्स लोगों से अपील भी कर रहा था- सारा काम आपके सामने लाइव है और मेला है। मिल के विल ग्रेट करेंगे। हालांकि इस वीडियो में बड़ी चालाकी से छुपा हुआ उनका चेहरा छुपा हुआ था।

सनसनी पर इस तरह के वीडियो से लोग पान नोट की बुकिंग लेते हैं।
वीडियो 2 : आज 5 लाख की शिकायत करें
दूसरे वीडियो में भी ये शख्स अपने चेहरे को छिपाकर बता रहा था कि आज भोपाल से अमित आ रहे हैं। उसे 5 लाख रुपए के पकना नोटों की खेप दर्ज है। इसके लिए अमित ने हमें आधा अमाउंट एडवांस में पहले ही भेज दिया था। अब उसे लगता है। उसके सौदे का माउंट आप देख रहे हैं कि 500 के नोट में तैयार है। अब आज जोधपुर में वह ये करेगा। किसी भी भाई को पकना नोट चाहिए या धूम्रपान हो तो कॉल कर ले। आज जोधपुर में ही।
बाकी वीडियो में भी हाई क्वालिटी फेक करें
इन दो वीडियो के अलावा @fake__currency_indian नाम के अकाउंट अकाउंट से 4 वीडियो और अपलोड किए गए थे। इनमें से भी पार्टनरशिप का दावा किया जा रहा है कि वो ऑनलाइन खाता नोट बेचता है। इन वीडियो में जो नोट दिखाए जा रहे थे, वो बिल्कुल असली जैसे लग रहे थे, जिसे देखकर पुलिस भी चौंक गई। इन सभी वीडियो में वो शख्स पकना नोटों की शिकायत के लिए तैयार पार्सल भी दिखा रहा था। इन सभी पार्सल पर पक्के नोटों की नाराजगी वाले दिल्ली, सूरत, हैदराबाद, हरियाणा और रांची के लोगों के नाम और पते भी लिखे थे। सब कुछ इतना खुला हुआ पुलिस को भी हैरान कर रहा था।

सचेत लोगों को विश्वास के लिए वीडियो में पक्के नोटों के पार्सल भी दिखाता है। वीडियो में बताया गया है कि देश के कई राज्यों से पकना नोटों के ऑर्डर मिले हैं।
जांच अधिकारी ने ग्राहक से 6 हजार के पान नोट लिए
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल टीम के जांच अधिकारी शुभम सिंह ने इंस्टाग्राम पोस्ट में बताएं नंबर पर वॉट्सऐप मैसेज भेजा और पैना नोट लेने की इच्छा जाहिर की। रिप्लाई आया- कितने रुपए के नोट चाहिए? उन्होंने कहा कि एक बार 6 हजार रुपए की जरूरत है, पसंद आया तो वो बड़ी डील करेंगे। एक्सिस ने उन्हें बताया कि 6 हजार रुपये के पान नोटों की नाराजगी के लिए उन्हें पहले अपना यूपीआई अकाउंट पर 3 हजार रुपये ऑनलाइन वोटिंग करनी होगी। जैसे ही मालिकाना हक होगा, आग का पार्सल भेजा जाएगा। ऐसे में SI शुभम सिंह ने एक दशक के हिसाब से कहा, UPI अकाउंट पर 3 हजार रुपए ऑनलाइन वोटिंग कर दिए। इसके अगले हफ्ते अगले एक दो दिन में पहुंचने की गारंटी दी जाएगी।

22 साल का मूलाराम बेटा गोवर्धन राम बाड़मेर का गिरा गांव रहने वाला है। अमीर बनने के लिए उन्होंने ठगी के रास्ते अपनाए। मूलाराम पहले ऑनलाइन जिगोलो बनने की ऑफर देकर कई लोगों से ठगी कर चुका है।
पुलिस को पता नहीं चला- जहां वोटिंग रुपए
एसआई शुभम सिंह से गूगल पे एप पर अपने द्वारा बनाए गए अपने यूपीआई अकाउंट में 3 हजार रुपए लोकेशन करवाए थे। उसने सबसे पहले एसआई शुभम सिंह को अपने मोबाइल नंबर से गूगल पे पर है का मैसेज भेजा और बाद में उसी पर अपना कनेक्शन कनेक्शन। इस स्लॉट में अगले शख्स को मोबाइल नंबर के सभी 10 डिजिट शो होने के बजाय लास्ट के 4 डिजिट ही शो होते हैं। ऐसे में पुलिस टीम के लिए ये पता लगाना मुश्किल हो गया कि उन्हें किस नंबर पर वोट दिया गया।
पुलिस को नहीं पक्के नोटों की नाराजगी
पकना नोटों की नाराजगी के लिए 3 हजार रुपए का अमाउंट ऑनलाइन लोकेशन करने के बावजूद दो-चार दिन बाद भी शिकायत नहीं मिली। SI शुभम ने वॉट्सऐप के जरिए दोबारा कॉन्टेक्ट किया तो पहले उसने पाखंड कायम किया और इसके बाद वो उनके कॉल्स और मेसेज अवॉयड करने लगे। इसके बाद समझ की पता लगाने का प्रयास किया गया। इंस्टाग्राम पोस्ट में दिए गए नंबर को ट्रेस किया गया। अजनबी में सामने आया कि वो शख्स देश भर में आंदोलन कर रहा था। राजस्थान के अलावा उनका आंदोलन नोएडा, दिल्ली और हरियाणा में आ रहा था।
जोधपुर के कई होटल और गेस्ट हाउस में ढूंढा, आखिर जालोर से पकड़ा गया
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल एसीपी संजीव कुमार की निगरानी में एसआई मनीष, एसआई शुभम व एचसी जगजीत को शामिल करते हुए एक टीम को पकड़ने के लिए रवाना हुए। इस दुर्घटना के दौरान जोधपुर के कई होटल और गेस्ट हाउस मिले। पुलिस टीम ने कुछ दिनों तक जोधपुर के अलग-अलग होटलों और गेस्ट हाउसों में उसे ढूंढा, लेकिन हर बार वो पुलिस टीम के पहुंचने से पहले ही रास्ता बदल लेती है। जालोर के रेनेवाड़ा इलाके में मैत्रीवाड़ा गांव में उसे सही जगह मिली। इस पर पुलिस टीम ने 9 मार्च को वहां पहुंचकर उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से पुलिस टीम ने कई पकना नोट, दो मोबाइल फोन और वीडियो बनाने के काम में आने वाला प्रोफेशनल माइक भी मिला।

दिल्ली स्पेशल सेल पुलिस के डीसीपी आईपीएस प्रशांत गौतम।
10वीं शताब्दी पहले जिगोलो के नाम पर करता था ठगी
दिल्ली स्पेशल सेल पुलिस के डीसीपी आईपीएस प्रशांत गौतम ने बताया कि गिरफ्तारियां 22 साल का मूलाराम बेटा गोवर्धन राम बाड़मेर के गिड़ा गांव में रहने वाला है। वो दसवीं क्लास से ड्रॉपआउट था। स्कूल में पढ़ाई के बाद उनकी शादी हो गई। उसने पैसे कमाने के लिए कई धंधे किए, लेकिन फेल हो गए। इसके बाद जल्दी अमीर बनने के लिए उसने ठगी का रास्ता अपनाया। मूलाराम पहले ऑनलाइन जिगोलो बनने की ऑफर देकर कई लोगों से ठगी कर चुका है।
हर बार वो आपका मोबाइल नंबर बदल देता था। धीरे-धीरे ठगी का ये काम कमजोर लग गया तो उसने साल 2021 में रुपए कमाने का नया तरीका सोचा। इस बार उसने ऑनलाइन पकना नोट बेचने के नाम पर ठगी करना शुरू कर दिया।
वीडियो में असली नोट दिखाता है धोखा
वीडियो देखकर लोगों को हैरानी होती थी कि नोट बिल्कुल असली जैसे दिख रहे हैं, क्योंकि वो नोट होते ही असली थे। मूलाराम रियल और चिल्ड्रन बैंक के नोट को मिक्स करते हुए वीडियो बनाता है। वीडियो में वो पकना के नाम पर असली नोट ही दिखता है, ताकि लॉग नोट की गुणवत्ता प्रभावित हो। पकना नोट वो गड्डी में छिपाकर रखता है।
एक भी जगह नहीं भेजा पकना Note
इसके बाद वो ऑनलाइन शिकायत के लिए लोगों से अपने Google पे के यूपीआई खाते पर अपना आवंटन करवाता था। उसका UPI अकाउंट 4 अलग-अलग बैंक से लिंक्ड था। कई लोगों ने पकना नोट लेने के लिए खाते में खाते का आवंटन कर दिया। अधिकार कन्फर्म होने के बाद वो पकना नोटों के कुरियर पार्सल का वीडियो बनाकर उन्हें लगाएंगे कि आपकी इच्छा जा चुकी है, जल्दी ही मिल जाएगा। हालांकि वह एक भी बंदे को परेशान नहीं करती और बाद में उनका मैसेज अवॉयड करने लगती है।
सब्सक्राइबर में आया कि मूलाराम ज्यादातर तो किसी से बात ही नहीं करता था और व्हाट्सअप मैसेज के जरिए ही लोगों से संपर्क करता था, लेकिन कभी-कभी बात करते हुए भी इंटरनेट कॉलिंग करता है।

पुलिस ने कबाड़ से 2 मोबाइल, माइक और असली पकना नोट बरामद किया।
मूलाराम के व्यवसाय से ये सामान ज़ब्त
1.सैमसंग गैलेक्सी A03S मॉडल का मोबाइल फोन, जिसमें 9834460759 नंबर की सिम थी, इस नंबर को मूलाराम VOIP और वॉट्सऐप कॉल में काम करता था।
2. एक चौंका देने वाला 11 प्रो मैक्स, जिसमें 8151033932 नंबर की सिम थी। इस नंबर के मूल माध्यम से इंस्टाग्राम पर वीडियो बनाते हैं और यूपीआई लिंक लोगों से ऑनलाइन अपनापन मंगवाता करते हैं।
3. एक पेशेवर माइक जो वो वीडियो बनाने में काम करता है।
4. 500 रुपए के 4 और 100 रुपए के 731 पकना नोट।
5. 500 रुपए के 2, 200 रुपए के 17 और 100 रुपए के 19 असली नोट।
खुलासे के बाद दिल्ली पुलिस ने एडवाइजरी जारी की
इस पूरे मामले के खुलासे के बाद दिल्ली पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर आम लोगों को चेताया कि ये मामले आम लोगों के लिए एक सब कुछ है। सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जालसाजों और धोखेबाजों से बचने के लिए फर्जीवाड़ा और फर्जीवाड़ा की पहचान बेहद जरूरी है। एजेंसियां ऐसे जालसाजों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही हैं। आम लोगों को सलाह दी जाती है कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर किसी ऐसे व्यक्ति के साथ बातचीत करते समय सावधानी सतर्कता।
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ग्लोबल में सबसे वांटेड प्रेक्षक इब्राहिम 1990-95 के बीच राजस्थान में भी अपना एक अड्डा बनाना चाहता था…लेकिन नहीं पाया।जयपुर के एक नामी स्कूल की बच्चियों की जहरी फोटो के माध्यम से ब्लैकमेल करने की बड़ी साजिश थी, जो नाकाम हो गई थी केंद्रीय मंत्री रामनिवास मिर्धा के बेटे का अपहरण करने वाले 3 खालिस्तानी समर्थक प्रवास के लिए स्वदेश चले गए थे, लेकिन पीछे हट गए।
इन तीनों मामलों को एक्सपोज करने वाला एक ही व्यक्ति था-हुकुमसिंह…आप में से बहुत से लोगों ने अपना नाम कभी नहीं सुना होगा। इसकी वाजिब वजह भी है, क्योंकि हुकुमसिंह ने जो काम किया, उनके बारे में उनके करीबी भी नहीं जानते थे। (यहां पढ़ें पूरी खबर)