मनपा8 मिनट पहलेलेखक: बिन पटेल
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गुजरात स्टेट एविएशन इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी लिमिटेड (GUJSAIL) के पूर्व सीईओ कैप्टन अजय चौहान को कुछ दिन पहले ही सरकारी एयरक्राफ्ट से 100 से अधिक व्यक्तिगत यात्रा करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। अब हाल ही में उनकी 100 करोड़ की अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ है। उनकी ये प्रॉपर्टीज देश और विदेश में हैं। उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। जिसके बाद सरकार एक्शन में आई है और जांच की जा रही है।
जहां-जहां हैं अजय की संपत्ति हैं
इस मामले में भास्कर के सहयोगी दिव्य भास्कर के पास तारीख, जगह के साथ 26 एक्सपोजर के सबूत हैं। साथ ही साथ स्पष्टीकरण के सबूत भी हैं। अजय के पास उनकी इनकम से भी ज्यादा प्रापर्टी मिली है। मनपाडा के प्रह्लादनगर में रिवेरा एलिगेंस में दो फ्लैट, करी गांधीनगर और शेला में दो बड़े फार्म हाउस, एसजी हाईवे और कॉमर्स सिक्स रोड पर कमर्सियल प्रॉपर्टिज, नोएडा में एक फ्लैट सहित देश में करीब 66 करोड़ की संपत्ति है।
अजयपाली जिले के श्रीसेला गांव में रहने वाले हैं। यहां भी उनके पास कई सारी जमीनें हैं। इन सभी प्रॉपर्टिज का हर महीने लगभग 15 लाख रुपए किराया आता है। इतना ही नहीं अमेरिका के ग्रीनकार्ड धारक कैप्टन अजय एनआरआई खाताधारक हैं। यहां उनकी पत्नी के नाम से कई संपत्तियां भी हैं।
वहीं सरकार ने अजय चौहान के स्वामित्व वाले गांधीनगर के फार्म हाउस में गजसेल के नाम से लीज लीज फर्नीचर सहित पूरे केबिन को जब्त कर लिया है। जो वर्तमान में कंपनी के परिसर में है।
13 साल से गुजसेल के सीईओ रहे अजय
अजय गुजरात के नागरिक उड्डयन विभाग में 18 साल के रिकॉर्ड बनाए गए हैं। इसी अवधि में 13 साल के स्टेट एविएशन इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी लिमिटेड (गुजसेल) के सीईओ भी रहे। उनके खिलाफ विमान के इस्तेमाल की शिकायत मिली थी। जिसकी जांच की गई और यह आरोप साबित हो गया कि अजय सर, राज्यपाल के लिए इस्तेमाल करने वाले सरकारी जेट का इस्तेमाल अपने परिवार को कुजने के लिए कर रहे थे। इसके चलते उन्हें निलंबित कर दिया गया था। वह अभी भी विश्वसनीय प्रबंधक सरकारी सेवा में हैं, लेकिन लंबी छुट्टी पर चल रहे हैं। उनकी जगह अब आईएएस नितिन सांगवान को चार्ज दिया गया है।
गुजरात के सीएम की मंजूरी के बिना ही अजय ने यात्रा की और सरकार के मुनाफे में करोड़ों रुपये का खर्च दिखाया। दरअसल, दोनों पदों पर रहे कैप्टन अजय चौहान ने 2019 में चापलूसी के एयरक्राफ्ट में खराबी के बाद एयरबस कंपनी की उस रिपोर्ट को जोर दिया था, जिसमें एयरक्राफ्ट के इंजनों को बदलने की दो टूक ताकीद की गई थी।
मेंटेनेंस के नाम पर ब्लूप्रिंट 4.80 करोड़ की कमीशनखोरी
गुजरात सरकार के नए 650 चैलेंजर जेट विमान के हर महीने टीनेंस 50 लाख रुपए के आसपास होता है। इसके उलट टीनेंसर कंपनी से सबसे अधिक रकम का बिल बनवाकर रिकॉर्ड पर 90 लाख रुपए दर्ज कर रहे थे। इस तरह हर महीने 40 लाख, साल में करीब 4.80 करोड़ रुपए का चूना सरकार को लगाया गया।
ऊपरी के नाम पर लाख रुपए के फर्जी बिल भी वितरित करें
2019 में और इंजन में खराबी आने से एयरक्रॉफ्ट टूट गया था। एयरबस कंपनी ने 2019 में ही स्टेट के सिविल एविएशन डिपार्टमेंट को रिपोर्ट भेजकर कहा कि हेलीकॉप्टर के ब्लेड (पंखे) में क्रेक और बहुत हद तक जंग लग गया है, हेलीकॉप्टर का इंजन जल्द ही बदलने की जरूरत है। एयरबस कंपनी ने जब यह अति गंभीर अलर्ट वाली रिपोर्ट दी तब भोपाल स्थित इंडोकॉप्टर नामक कंपनी के पास हेलीकाप्टर के टनेंस का ठिकाना था। कैप्टन अजय ने कंपनी का फायदा पहुंचाने के लिए एयरबस की रिपोर्ट को दबा दिया था।
घर-फार्म हाउस से 3 करोड़ रुपए का फर्नीचर भी ज़ब्त
कैप्टन अजय चौहान के फ्लैट और फॉर्म हाउस से 3 करोड़ रुपए का सरकारी फर्नीचर ज़ब्त कर लिया गया है। ये वह फर्नीचर है, जिसे सरकारी एजेंसियों के नाम पर लिया गया है। कैप्टन अजय चौहान अपने छत के दम पर अपने मनपार स्थित लग्जरी फ्लैट और फार्म हाउस में चले गए। गुजसेल से सस्पेंशन के बाद शुरू हुई जांच के क्रम में यह फर्नीचर वापस ले लिया गया है।