अंबाला16 मिनट पहले
हरियाणा के अंबाला में एडवाइजरी डॉक्टर के एजुकेटेड बेटा-बेटी पिछले 20 साल से नरक की जिंदगी जी रहे थे। दोनों ने खुद को घर में बंद कर लिया था। पड़ोसियों द्वारा समय पर खाना उपलब्ध होने पर ही भाई-बहन अभी तक जिंदा हैं। चिपकने की संस्था मनुखता दी सेवा सबसे बड़ी सेवा और वंदे मातरम दल ने दोनों भाई-बहनों को बचाया है।
मामला अंबाला का गांव बोह का है, जहां माता-पिता की मौत के बाद मा, खराब पास लड़की अपने भाई के साथ 20 साल से अपने घर में बंद थी।
पिता चिकित्सक थे
उनके पिता सूरज प्रकाश शर्मा विशेषज्ञ डॉक्टर थे। इंदू शर्मा और सुनील शर्मा दोनों मानसिक रूप से बीमार चल रहे हैं। बताया गया कि दोनों भाई-बहन के रिश्ते अंबाला में रह सकते हैं। दोनों को बचाव करके मनुख्ता दी सेवा सबसे बड़ी सेवा संस्था अपने साथ ले गई, जो उनकी देखरेख करती है।

अंबाला शहर से भी एक व्यक्ति को रेस्क्यू किया गया
उद्र ने संस्था अंबाला शहर से भी एक युवक को रेस्क्यू किया है। पिछले 10 साल से शहर का रहने वाला अमनदीप घूम रहा था। वहीं, मांगकर कुछ भी खा लेता है। दिनभर शहर में छत और रात को अपना घर सो जाता था। अमनदीप की स्थिति इतनी दयनीय हो गई थी कि उसे पिछले 4-5 साल से अपने मल-मूत्र का भी पता नहीं चला था। जिस वक्त की टीम ने उसके कमरे में गंदगी का ढेर लगा दिया था।
उत्तम जीवन देने की कोशिश करेंगे: मिंटू मालवा
संस्था के सदस्य समाजसेवी गुरप्रीत सिंह मिंटू मालवा ने बताया कि उनकी ओर से ऐसे लोगों को बचाया जाता है जो मंदिरबुद्धि होते हैं और उनकी मदद करने वाला कोई नहीं होता। अंबाला से भी उनके पास इन लोगों की वीडियो आई थी, जिसके बाद वंदे मातरम दल के साथ बचाव करने पहुंचे।
अब एक बेहतर जीवन देने की कोशिश करेंगे। यह तीनों ही लोग गंदगी भरी जगह में रह रहे थे और अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे। जिस महिला को रेस्क्यू किया गया है, उसने काफी पढ़ा-लिखा भी है, लेकिन दिमागी हालत ठीक नहीं होने के कारण पिछले 20 साल से एक ही कमरे में बंद थी।