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- 5 Things Related To Epilepsy That You Should Not Trust, Know Truth Behind Them| International Epilepsy Day
3 मिनट पहले
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आज अंतर्राष्ट्रीय एपिलेप्सी दिवस है। एपिलेप्सी को हिन्दी में मिर्गी कहा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, पूरी दुनिया में करीब 5 करोड़ लोग इसके शिकार हैं, जिनमें से लगभग 60 लाख लोग भारत में ही हैं। आइए मिर्गी से जुड़े कुछ सामान्य मिथकों को भ्रष्ट करते हैं।
पहले जान लें, क्या है मिर्गी?
यह दिमाग का एक गंभीर डिसऑर्डर है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। मिर्गी के मरीज को दो या उससे ज्यादा दौरे पड़ते हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे ये जन्मजात हो सकता है। इसका मतलब पैदाइश के पहले बच्चे के दिमाग को कोई नुकसान हुआ हो या जन्म के समय उसकी ऑक्सिजन कम हो गई हो।
इसके अलावा, दिमाग पर कोई चोट आने के सालों बाद भी इंसान को मिर्गी का दौरा पड़ सकता है। मिर्गी आने की वजह ब्रेन में सिकुड़न या आनुवंशिक भी हो सकती है।
मिर्गी से जुड़ी इन बातों की सच्चाई जान लें
मिथक: मिर्गी एक मानसिक बीमारी है।
फैक्ट: एपिलेप्सी फाउंडेशन के अनुसार, मिर्गी एक मानसिक बीमारी नहीं है। यह एक विकार है जो किसी को भी हो सकता है। हालांकि, इससे जूझने वालों को तनाव, एंग्जाइटी और डिप्रेशन होने का खतरा ज्यादा होता है।
मिथक: मिर्गी संक्रामक होती है।
फैक्ट: WHO के अनुसार, मिर्गी एक नॉन- कम्युनिकेबल डिसऑर्डर यानी असंक्रामक विकार है। हालांकि कई अज्ञात कारणों से व्यक्ति को मिर्गी का दौरा पड़ सकता है। आज भी विश्व में 50% मिर्गी के मरीज इसकी वजह से अंजान हैं।
मिथक: ये डिसऑर्डर सिर्फ बच्चों में होता है।
फैक्ट: मिर्गी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। इसके साथ ही ये हर नस्ल के लोगों को हो सकती है। हालांकि जॉन होपकिंस मेडिसिन के मुताबिक, इससे बच्चों को गंभीर दौरे पड़ सकते हैं। यह नर्वस सिस्टम के सबसे आम विकारों में से एक है।
मिथक: मिर्गी का दौरा पड़ने पर उसे रोकना चाहिए।
फैक्ट: एपिलेप्सी फाउंडेशन के अनुसार, मिर्गी का दौरा पड़ने पर उसे रोकने की कोशिश कभी नहीं करनी चाहिए। इससे मरीज या आपको नुकसान पहुंच सकता है। रोकने से न तो दौरा रुकेगा और न ही धीमा होगा। साथ ही, हर दौरे में हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत नहीं होती है।
मिथक: मिर्गी आजीवन विकार है।
फैक्ट: मिर्गी कभी ठीक नहीं हो सकती, यह कहना सही नहीं है। हां वर्तमान में इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन मिर्गी से पीड़ित कई लोग दवा के जरिए ठीक हो जाते हैं। बच्चे जैसे-जैसे बड़े होते हैं, वैसे-वैसे मिर्गी से छुटकारा पा लेते हैं।