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- विदिशा के आनंदपुर में रेस्क्यू; 32 फीट की खुदाई के बाद आई चट्टान, दो और पोकलेन मशीन मंगाई
लक्ष्मण कटियार। सिरोंज (विदिशा)20 मिनट पहले
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मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में 7 साल का बच्चा बोरवेल में गिर गया। वह 43 फीट लंबी है। पुलिस और एंडी रैकेट की टीम सोमवार सुबह 11.30 बजे से रेस्क्यू में जुटी है। बोरवेल 60 फीट गहरा है। बोर के पास समानांतर 45 फीट गढ़ढा खोदा जा रहा है। रात 12 बजे से 4 जेसीबी और 3 पोकलेन मशीन से 32 फीट तक की खुदाई की जा चुकी है। इसके बाद वहां एक चट्टान पर दो वन्यजीव और पोकलेन पेपर मंगवाई गए। बच्चे तक पाइप के जरिए ऑक्सीजन संदेशई जा रहा है। सीसीटीवी से भी निगरानी की जा रही है।
स्टेटिकेटर उमाशंकर भार्गव और लेटेरी एसडीएम रेसल चौधरी, संस्करण एसपी समीर यादव मौजूद हैं। गहराई बढ़ने के साथ खुदाई की गति धीमी हो गई है। नीचे पत्र (कड़क मुरम) शुरू हो गया है। अभी 12 से 13 फीट तक और खुदाई शुरू हो रही है। इसके बाद 5 फीट की टनल वाले बच्चे को अनुमान लगाया जाएगा। 11:00 बजे खुला सौरभ तिवारी के अनुसार बच्चों में हलचल देखी गई। दिनेश अहिरवार का बेटा लोकेश सोमवार सुबह 11 बजे खेत में बने बोरवेल में गिर गया।

बच्चा बोरवेल में करीब 43 फीट फंसा हुआ है। पाइप के जरिए बच्चे तक ऑक्सीजन संदेश जा रहा है। एंडी स्ट्रैटेजी टीम रेस्क्यू में जुटी है।
बोरवेल में गिरने की घटना दुखद : सीएम
मामले को लेकर शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि विदिशा जिले की लटेरी तहसील के खेरखेड़ी गांव में 7 साल पुराने बोरवेल में गिरने की घटना दु:खद है। मैंने स्थानीय प्रशासन को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं और उनसे लगातार संपर्क में हूं। रेक्यूक्यू टीम बच्चे को सुरक्षित बचाने के लिए प्रयासरत है। मासूम की प्रार्थना करता हूं।

बोरवेल 60 फीट गहरा है। उसके पास 4 जेसीबी से पैरेलल गढ़ढा खोदा जा रहा है।
बोले- बंदरों के पीछे भाग रहा था लोकेश
कलिकेटर भार्गव के अनुसार घटना मंगलवार सुबह 11:00 बजे होगी। लोकेश बंदरों के पीछे भाग रहा था। इसी दौरान वह खेत में खुले बोरवेल में गिर गया। सूचना के बाद करीब साढ़े 11 बजे कार्य शुरू कर दिया है। पहले बच्चे को ऑक्सीजन की आपूर्ति शुरू की गई। सीसीटीवी की मदद से बच्चे के आंदोलन पर नजर रखी जा रही है। बोर बिना केसिंग का है और करीब 60 फीट गहरा है।

कर्तव्य पर जिला प्रशासन के अधिकारी और एंडी रैकेट की टीम पहुंच चुकी है। बच्चे तक ऑक्सीजन संदेश जा रहा है। जेसीबी से बोरवेल के पैरेलल गढ़ढा खोदा जा रहा है।
दादी ने कहा-उसे पता नहीं था यहां गड्डा है
लोकेश की दादी उषा बाई ने कहा कि हम काम करने आए हैं। नाती भी साथ आई थी। खेत में हम कटौती कर रहे थे। उसी मेढ़ पर बंदर आ गए। उन्हें भगाने के लिए वह दौड़कर आया। उसे पता नहीं था कि खेद के बीच खेत में बोरवेल भी है। वह गिर गया।

रेस्क्यू शुरू होने से पहले बच्चे को रस्सी के रास्ते निकालने की कोशिश की गई।

बच्चे की निगरानी के लिए नाइट विजन कैमरा भी बोर में डाला जाता है। उसका आंदोलन होते-होते नजर आ रहा है।