लंदन38 मिनट पहले
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एचएसबीसी ने अमेरिका की सिलिकॉन वैली बैंक की यूके यूनिट को खरीदने का फैसला किया है। ये डील सिर्फ 1 पाउंड यानी करीब 99 रुपए में हुई है। अधिग्रहण की कीमत केवल नाम के लिए है, क्योंकि सिलिकॉन वैली बैंक के पूरे कर्ज को सरकार का बैकअप है। यानी HSBC को इस डील के बाद कोई लोन नहीं चुकाना पड़ेगा।
एचएसबीसी ने कहा कि 10 मार्च तक, सिलिकॉन वैली बैंक यूके लिमिटेड के पास करीब 5.5 अरब पाउंड का लोन था और लगभग 6.7 अरब पाउंड की सागर राशि थी। 31 दिसंबर 2022 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में SVB UK ने टैक्स से पहले 88 मिलियन पाउंड का लाभ दर्ज किया था।
एचएसबीसी ने कहा, एसवीबी यूके की टेंजिबल इक्विटी लगभग 1.4 बिलियन पाउंड होने की उम्मीद है। वहीं एसवीबी यूके के पेरेंट ऑब्जिट के एसेट और लायबिलिटीज को ट्रांजिशन एक्शन से बाहर रखा गया है। मौजूदा रिट्रीटेज फंड से किया जाएगा अमाउंट को।
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इस डील के बाद यूके के जिन कस्टमर्स और बिजनेसेज का एसवीबी यूके में मनी जाम है, वे इसे अन्य खातों में एक साथ एक साथ कर रहे हैं। सिलिकॉन वैली बैंक 10 मार्च को डूब गया। बैंकों के कोलैप्स होने के बाद जमाकर्ताओं के अरबों डॉलर भरे हुए हैं।
सरकार और बैंक ऑफ इंग्लैंड ने डील को मंजूरी दी
ब्रिटेन के वित्त मंत्री जेरेमी हंट ने बताया कि इस डील को सरकार और बैंक ऑफ इंग्लैंड ने तय किया है। बिना टैक्सपेयर सपोर्ट के डिपॉजिट को सुरक्षित किया जाएगा। हंट ने कहा, एचएसबीसी यूरोप का सबसे बड़ा बैंक है और एसवीबी यूके के ग्राहकों को सुरक्षित महसूस करना चाहिए।

सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने को वास्तविकता कैसे समझें
सिलिकॉन वैली बैंक के पास 2021 में 189 अरब डॉलर जमा थे। सिलिकॉन वैली बैंक ने पिछले 2 वर्षों में अपने ग्राहकों की संपत्ति से कई अरब डॉलर के बॉन्ड लिए थे, लेकिन इस निवेश पर उन्हें कम ब्याज दर के कारण उचित रिटर्न नहीं मिला। इसी बीच फेडरल रिज़र्व बैंक ने टेक ऑफर के लिए ब्याज में बीमा कर दिया।
एसवीबी के ज्यादातर ग्राहक स्टार्ट-अप्स और टेक कंपनियां थीं जिनके लिए कारोबार के लिए पैसों की जरूरत थी। ऐसे में वो बैंक से पैसे निकालने लगीं। ब्याज दर बढ़ने की वजह से टेक उद्यम में कमाई कम हो गई। फंडिंग नहीं मिलने से कंपनियों बैंकों से अपना पैसा बचा हुआ पैसा भी निकालने लगीं। लगातार विडरॉअल की वजह से बैंक को अपनी संपत्ति बेची।
8 मार्च को एसवीबी ने बताया कि उसने बैंक की कई सम्मिलितताओं को सम्मिलित किया है। ही साथ अपनी बैलेंस शीट को मजबूत करने के लिए उसने 2.25 अरब डॉलर के नए शेयर बिक्री की घोषणा की। इससे कई बड़ी कैपिटल फर्मों में डर का माहौल बन गया और फर्मों ने प्राधिकरणों को बैंक से अपना पैसा वापस लेने की सलाह दी।
इसके बाद गुरुवार को एसबीवी के शेयर में गिरावट आई, जिससे अन्य संभावित शेयरों को भी भारी नुकसान हुआ। शुक्रवार की सुबह तक निवेशक न मिलने पर एसवीबी के शेयर को रोक दिया गया। इसके अलावा कई अन्य बैंकों को भी आज अस्थायी रूप से रोक दिया गया है, जिनमें से प्रथम गणराज्य, पीएसीवेस्ट बैनकॉर्प और सिग्नेचर बैंक शामिल हैं।
