14 मिनट पहले
देश में कोरोना का इस तरह फैल रहा H3N2 खतरनाक से अब तक दो मरीजों की मौत हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स में हेल्थ मिनिस्ट्री के रूढ़िबद्ध होने का दावा किया गया है कि हरियाणा और कर्नाटक में इन्फ्लुएंजा के एक मरीज की मौत हुई है। वहीं, 2 जनवरी से 5 मार्च तक देश में H3N2 के 451 मामले सामने आए हैं। हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में H3N2 संदिग्ध से अब तक 10 लोगों की मौत का दावा किया जा रहा है।
उद्र, एच3एन2 और सीज़नल संबंधी तकनीकी को लेकर शनिवार को नीति आयोग की बैठक होगी। इसमें राज्यों की स्थिति की समीक्षा होगी। साथ ही देखा जाएगा कि किस राज्य को किस तरह के सपोर्ट की जरूरत है।
इससे पहले शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने देश में एच3एन2 इन्फ्लुएंजा वायरस के बढ़ते मामलों की समीक्षा के लिए बैठक की। इस दौरान उन्होंने राज्यों को सतर्क रहने और स्थिति की गुप्त रूप से निगरानी करने के लिए एडवाइजरी जारी की। मांडविया ने बताया कि सरकार स्थिति से निपटने के लिए राज्यों के साथ काम कर रही है।
कर्नाटक में H3N2 से मरने वाले शख्स को भर रहा था
कर्नाटक में H3N2 खतरे से मरने वाले मरीज की पहचान हीरा गौड़ा के रूप में हुई है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी के मुताबिक हीरा की एक मार्च की मौत हो गई थी। वह गंभीर और अत्यधिक रोगी था। जांच के दौरान उनका आरोप लगाया गया था। 6 मार्च को सामने आया कि वह H3N2 से झलक रहा था।
स्वास्थ्य विभाग बोला- वायरस से नहीं कैंसर से मरा जींद का व्यक्ति
इस वायरस से मरने वाला हरियाणा में जींद जिले वाला है। जींद के सिविल सर्जन डॉ. मंजू कादियान ने बताया कि मरने वाले व्यक्ति को फेफड़े का कैंसर भी था। उनकी मौत H3N2 वायरस से नहीं बल्कि कैंसर से हुई है। स्वास्थ्य विभाग उसके परिवार के सभी सदस्यों की जांच के लिए बिजवा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंचने से पहले ही परिवार ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया था। परिवार से जब दाद के इलाज से जुड़े दस्तावेज़ मांगे गए तो परिवार ने कहा कि शव के साथ ही उन्होंने मेडिकल से अर्क सारा रिकॉर्ड भी जला दिया।
पूर्व एम्स डायरेक्टर बोले थे- रोयलर्स को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है
एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने पिछले दिनों H3N2 खतरनाक से लोगों को सावधान रहने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि यह कोरोना के जैसे ही गठबंधन है। इससे दोस्ती के लिए मुखौटा, सामाजिक गड़बड़ी का पालन करें और बार-बार हाथ धोते रहें। रोड़ और पहले से ही किसी बीमारी से परेशान लोगों को इससे ज्यादा परेशानी हो सकती है।

राजस्थान में मामले; 12-15 दिन तक खांसी नहीं हो रही, फेफड़े में भी फैल रहा इंफेक्शन
राजस्थान में H3N2 के कई मामले सामने आ रहे हैं। इसकी चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे हैं। ये ठीक होने में 10 से 12 दिन का समय लग रहा है। बच्चों को आईसीयू तक में भर्ती करना पड़ रहा है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज,जयपुर में जनरल मेडिसिन डिपार्टमेंट के सीनियर डॉ. पुनीत सक्सेना ने बताया कि यहां ओपीडी में हर तीसरे-चौथे मरीज को तेज खांसी-बुखार की शिकायत लेकर आ रहा है।
उन्होंने कहा कि ज्यादातर मामलों में H3N2 के अलावा अपर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (URI), एडिनोवायरस, पैरा साइन वायरस के हैं। ये वायरस सीज़न में बदलाव के साथ गतिविधियां होती हैं और तेजी से जुड़ती हैं। इसमें बुखार सामान्यत: 3-4 दिन रहता है, लेकिन कुछ मामलों में 6-7 दिन में भी बुखार ठीक नहीं हो रहा है। पूरी खबर यहां पढ़ें

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