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- संक्रमण को ट्रिगर करने वाले पांच श्वसन विषाणुओं का वर्गीकरण, H3N2, स्वाइन फ्लू
नई दिल्ली10 मिनट पहले
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पिछले कुछ महीनों से देश में नए तरह का संक्रमण हो रहा है। इसकी वजह कोई एक नहीं बल्कि 5 वायरस का ग्रुप है। इसकी वजह से लोग हल्केपन से गंभीर रूप से बीमार हो रहे हैं। डॉक्टरों ने देखा कि यह सामान्य बुखार या सर्दी खांसी नहीं है। साथ ही यह COVID-19 से अलग है। आधिकारिक आंकड़े दावा कर रहे हैं कि इसके पीछे ये वायरस हैं, जिनमें स्वाइनफ्लू का वायरस भी शामिल है।
कोरोना महामारी के अलावा स्वाइन फ्लू (H1N1), H3N2, विक्टोरिया लाइनेज, यमागाता लाइनेज, इंफ्लूइंजा बी जैसे वायरल हवा में हैं। इनमें से किसी एक की वजह से लोगों में संक्रमण फैल रहा है। आईसीएमआर के आंकड़ों के मुताबिक 5-11 मार्च के बीच एच3एन2 के 37 मामले सामने आए, जबकि कोरोना के सिर्फ 8 मामले मिले। इसके अलावा स्वाइन फ्लू के मामले भी बढ़ रहे हैं।
साल 2009 में स्वाइन स्प्रे था, जिसमें H3N2v वायरस मिला था। अमेरिका समेत दुनिया के कुछ हिस्सों में यह वायरस विस्तार से फैल रहा था। हालांकि, डेटा में H3N2v वायरस के बारे में अभी कुछ पता नहीं चल रहा है।
अब COVID-19 पर लोगों का ध्यान नहीं
पिछले कुछ समय से कोरोना के मामले ज्यादा नहीं आ रहे हैं। बल्कि स्वाइन फ्लू के मामले ज्यादा आने वाले हैं। पिछले कुछ दिनों से विक्टोरिया लाइनेज वायरस का संक्रमण बहुत अधिक हो रहा है, लेकिन सभी का ध्यान कोविड-19 पर अभी ज्यादा है। जबकि यह वायरस भी ज्यादा ही खतरनाक है। फिर भी इसका अधिक महत्व नहीं है।
अभी देश में इंफ्लूएंजा ए का स्ट्रेन H3N2 सबसे ज्यादा फैल रहा है। यह कलर्स इंफ्लुएंजा बी लाइनेज विक्टोरिया भी जनवरी के बाद से तेजी से फैल रहा है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि लाइक लाइनेज और इन्फ्लुएंजा बी संक्रमण होने पर अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ सकती है।
स्व फ्लूइन लोगों को सांस लेने में भारी भरकम
ICMR का साप्ताहिक डेटा देता है कि अब H3N2 तेजी से फैल रहा है, इसमें कोरोना को भी पीछे छोड़ दिया है। 5 से 11 मार्च के बीच किए गए काम में 37 H3N2, 10 विक्टोरिया, 8 COVID-19 और 1 स्वाइन फ्लू का परीक्षण किया गया था। जनवरी के बाद से H3N2 के मामले बढ़ रहे हैं। इसके पहले 18 अप्रैल 2022 से 31 दिसंबर 2022 तक स्वाइन फ्लू से सांस लेने में दिक्कत हो रही थी।
इससे पहले 27 दिसंबर 2021 से 27 फरवरी 2022 तक कोरोना का कहर अधिक था। जनवरी 2022 में यह आपके पीक पर था। सितंबर 2022 के बाद डॉक्टर्स ऑनलाइन पोर्टल सीएमई इंडिया पर यह बता रहे थे कि वायरल निमोनिया के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन इसकी वजह पता नहीं चल रही है। डॉक्टर इसे फ्लू मानते हैं, जो कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक है। फिटजीशियन डॉ. रविवार प्रेमचंद्र ने बताया कि उन्होंने ऐसे 10 मामले देखे, जिनमें से 2 व्यक्तियों की मौत हो गई।