दुबई11 मिनट पहले
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क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था एमसीसी यानी मेलिरिबोन क्रिकेट क्लब ने क्रिकेट को बचाने के लिए आईसीसी से अपील की। MCC की WCC विंगिंग वर्ल्ड क्रिकेट कमेटी ने कहा कि, दुनिया भर में T-20 लीग की संख्या बढ़ने से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट पर असर पड़ रहा है। लीग के अलावा भारत, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी बड़ी टीमें टेस्ट खेलती हैं। लेकिन, सालभर अलग-अलग लीग होने के कारण छोटी टीम जैसे अफगानिस्तान, आयरलैंड और जिम्बाब्वे में बड़ी टीम के खिलाफ टेस्ट खेलने का मौका नहीं मिल रहा है। इस वजह से क्लब के बीच लगातार बदलाव हो रहा है और आईसीसी को टूर प्लान करने में परेशानी हो रही है।
एमसीसी क्या है
एमसीसी क्रिकेट के नियम बनाता है और समय-समय पर इसमें भी बदलाव करता है। मेरिलबोन क्रिकेट क्लब आज से 1787 में अस्तित्व में आया था। इसका मुख्यालय इंग्लैंड के लॉर्ड्स मैदान में है। ICC के आने से पहले MCC के बारे में ही क्रिकेट खेला जाता था। ICC आज भी MCC की चेतावनी पर ही चलता है। एमसीसी अभी भी क्रिकेट के नियम बनाता है, लेकिन वे आईसीसी से अनुमान ही लगाते हैं।
दुबई में फर्जी
एमसीसी ने दुबई में आसानी से बुलाई थी। बैठक में इस बारे में चर्चा की गई कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कैसे बरकरार रखा जा सकता है। हर साल होने वाली सभी लीग के बीच आने वाले 10 साल में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की क्या स्थिति होगी। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को प्राथमिकता देने को लेकर कुछ करना होगा।

पैसे के बंधन से स्थिति अच्छी – MCC
एमसीसी ने कहा कि, इस बार पैसे में देखें तो क्रिकेट में इससे अच्छी स्थिति कभी नहीं रह सकती। लेकिन, अब ICC के देशों के साथ आने वाले सभी के बीच इस पैसे का सदोपयोग करना चाहिए और एक दूसरे की मदद के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सुधार के लिए काम करना चाहिए।
विन्सेस क्रिकेट में संतुलन – MCC
एमसीसी ने कहा कि इस बार क्रिकेट में अच्छा संतुलन देखा जा रहा है। ICC को विमेंस FTP या टूर प्रोग्राम बनाने में जरा भी मुश्किल नहीं हो रही है। लेकिन, विमेंस क्रिकेट में भी खिलाड़ी लीग की तरफ आकर्षित हो रहे हैं, जो खतरनाक है।
एमसीसी ने आगे कहा कि विमेंस क्रिकेट में क्रिकेट की तरह ही अब आय में समानता आने लगी है। पैसे को लेकर विमेंस क्रिकेट में किसी भी प्रकार की कोई चिंता नहीं है।

टेस्ट क्रिकेट सबसे जबरदस्त – ग्राफ़िक्स
भारत के पूर्व कप्तान और WCC के सदस्य सौरव फ़ायरिंग ने कहा है कि क्रिकेट और टेस्ट क्रिकेट के बीच संतुलन बनाना बहुत ज़रूरी है। मेरा अभी तक यह लगा है कि टेस्ट, क्रिकेट का सबसे बड़ा मंच है। आप महान खिलाड़ी मिलते हैं और इसीलिए इसे टेस्ट कहा जाता है। यह कौशल की परीक्षा है।
49% खिलाड़ियों के लिए देश से ऊपर टी-20 लीग
इंटरनेशनल क्रिकेटर्स की संस्था FICA के सर्वे के मुताबिक 49% क्रिकेटर्स ने कहा- वे IPL, BBL जैसी फ्रेंजिंग लीग बनाने के लिए कंट्री का डायरेक्टली भी रिजेक्ट कर सकते हैं। अगर उन्हें इन लीग में अपने देश से ज्यादा पैसे मिले तो वे लीग खेलना ही पसंद करेंगे।
पिछले दिनों न्यूजीलैंड के ट्रेंट बोल्ट ने सेंट्रल लिंक्स से अपना नाम वापस ले लिया था, जिसके चलते उन्हें भारत के खिलाफ एशियाई और टी-20 सीरीज में टीम का हिस्सा नहीं बनाया गया था। बोल्ट के साथी खिलाड़ी मार्टिन गप्टिल के खराब फॉर्म के कारण नहीं चुने गए। जिसके बाद वह विदेशी लीग में चले गए। इस ध्वनि का प्रभाव अन्य स्टार प्लेयर्स पर दिखाई देता है। इससे कभी-कभी खिलाड़ियों को तो कभी-कभी उनके देश को नुकसान उठाना पड़ता है।